Bihar Crime: तारकटवा गिरोह’ का कहर, एक ही रात में 45 पोल से तार गायब, किसानों की सिंचाई व्यवस्था ठप

Bihar Crime: सक्रिय कुख्यात तारकटवा गिरोह ने एक बार फिर से बिजली व्यवस्था को निशाना बनाया है। गुरुवार की रात अलग-अलग स्थानों से चोरों ने करीब 45 पोल के तार काटकर उखाड़ लिए।

Bihar Crime: तारकटवा गिरोह’ का कहर, एक ही रात में 45 पोल से
तारकटवा गिरोह’ का कहर, एक ही रात में 45 पोल से तार गायब, किसानों की सिंचाई व्यवस्था ठप- फोटो : REPORTER

N4N डेस्क: सूबे में एक बार फिर से  सक्रिय कुख्यात तारकटवा गिरोह ने एक बार फिर से बिजली व्यवस्था को निशाना बनाया है। गुरुवार की रात अलग-अलग स्थानों से चोरों ने करीब 45 पोल के तार काटकर उखाड़ लिए। इस वारदात से पूरे इलाके में दहशत और किसानों में भारी आक्रोश है।


किसानों को डबल झटका

नालंदा जिले के रहुई थाना क्षेत्र के भेंडा गांव स्थित नदी खंधा में कृषि सिंचाई के लिए लगाए गए 15 पोलों से 440 वोल्ट का तार चुरा लिया गया। यही नहीं, चोरों ने किसानों के सर्विसवेल का ताला तोड़कर मोटर का स्टार्टर भी गायब कर दिया और खेतों में बिछाई गई फीतेदार पाइपलाइन को भी क्षतिग्रस्त कर दिया।इसी तरह मई फरीदा गांव के करचार खंधा, ढिबरापर, बलवापर खंधा, पलहेट खंधा और कोठिया खंधा से भी चोरों ने करीब 30 पोलों के तार उखाड़ लिए।


भेंडा गांव के किसान नीतीश कुमार, जितेंद्र प्रसाद और टनटन प्रसाद का कहना है कि इन घटनाओं से उनकी सिंचाई व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गई है। समय पर पानी नहीं मिलने से फसलों के सूखने का खतरा मंडरा रहा है। किसानों ने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई और गिरोह की धरपकड़ की मांग की है।


पुलिस मौके पर, लेकिन किसान सशंकित


घटना की जानकारी मिलते ही रहुई थानाध्यक्ष कुणाल कुमार सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने बताया कि पीड़ित किसानों के आवेदन के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि हर बार घटना के बाद जांच की बातें होती हैं, मगर गिरोह लगातार सक्रिय है।


पिछले साल भी दिया था वारदात को अंजाम


करीब एक साल पहले भी इसी गिरोह ने भेंडा और खिरौना गांव के खंधा से 35 पोलों के तार चुरा लिए थे। उस समय पुलिस ने चोरों को कटर, प्लायर, आरी और चोरी किए गए तार के साथ गिरफ्तार भी किया था। बावजूद इसके गिरोह अब फिर से सक्रिय हो चुका है और किसानों को आर्थिक रूप से भारी नुकसान पहुँचा रहा है।

रिपोर्ट- राज पाण्डेय