एक्टिंग चीफ जस्टिस के कोर्ट के बहिष्कार के फैसले को हाईकोर्ट अधिवक्ता संघ ने लिया वापस, 24 घंटे में बदल गई पूरी स्थिति

Patna - पटना हाईकोर्ट अधिवक्ता संघों समन्वय समिति ने आज एक्टिंग चीफ जस्टिस के कोर्ट का अनिश्चितकालीन तक उपस्थित न होने व कार्य नहीं करने का निर्णय वापस ले लिया है। अधिवक्ताओं के विरोध के बाद एक्टिंग चीफ जस्टिस पी बी बजनथ्री की खंडपीठ ने इस मामलें की आगे की सुनवाई हेतु जस्टिस अरुण कुमार झा के बेंच को स्थानांतरित कर दिया है।
ये मामला पटना के डी पी एस मोड़ पर अधिवक्ता अंशुल आर्यन व उनकी पत्नी मनोग्या सिंह के साथ दुर्व्यवहार व मार पीट का मामला है। पिछली सुनवाई में एक्टिंग चीफ जस्टिस पी बी बजनथ्री की खंडपीठ ने अधिवक्ता अंशुल आर्यन को एक याचिका दायर कर इस मामलें की विस्तृत ब्यौरा देने का निर्देश दिया था।
अधिवक्ता आर्यन ने अपने प्राथमिकी में, जो रूपसपुर थाने में 8 सितम्बर,2025 को दायर किया था,उसमें बताया गया कि वे अपनी पत्नी के साथ हाईकोर्ट आ रहे थे।डीपीएस मोड़ के पास जाम लगा था। उन्होंने बताया कि उन्होंने जब गार्ड को बोला कि उनका कोर्ट में केस होने वाला है,अतः थोड़ी देर के लिए जाम खाली कर दे।उन्होंने आरोप लगाया कि गार्ड ने उनसे बदसलूकी की।
उन्होंने आरोप लगाया कि वह उनके और उनकी अधिवक्ता पत्नी के मनोग्या सिंह के साथ गाली गलौज करने लगा।जब उन्होंने गार्ड से ऐसा करने मना किया,तो वह बोला कि बाहर निकलने पर बताएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि जब उनकी पत्नी मनोग्या ने जब मोबाइल से घटना रिकॉर्ड करने का प्रयास कर रही थी,तो गार्ड ने उनका मोबाइल छिन कर सडक पर फेंक दिया।
उन्होंने बताया था कि जैसे गाडी आगे बढ़ी,कई गार्ड झुण्ड में आ कर मेरे साथ मारपीट करने लगे।इससे उनके आँखों पर चोट लगी। उन्होंने बताया कि उन्होंने रूपसपुर थाने में एफआईआर लिखाई।लेकिन उन्होंने आरोप लगाया था कि सुसंगत धाराओं के तहत मामला दर्ज नही किया गया।उन्होंने बताया कि इस सबंध में उन्होंने डीपीएस स्कूल के प्रिंसिपल को जानकारी दी,लेकिन उन्होंने मामला को निजी बता कर पल्ला झाड़ लिया।
इससे पूर्व वरीय अधिवक्ता रमाकांत शर्मा व योगेश चन्द्र वर्मा ने इस घटना की जानकारी जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद को देते हुए हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया था।कोर्ट ने रूपसपुर थाने के एसएचओ को तलब किया था। 9सितम्बर, 2025 को ये मामला एक्टिंग चीफ जस्टिस पी बी बजानथरी के समक्ष सूचीबद्ध था।उन्होंने अधिवक्ता अंशुल आर्यन को एक याचिका दायर कर पूरी घटना की जानकारी देने का निर्देश दिया था।
अब इस मामलें की सुनवाई जस्टिस अरुण कुमार झा के बेंच के समक्ष सुनवाई की जाएगी।