Bihar Teacher News: बिहार के 53 हजार से अधिक शिक्षकों पर गिरी गाज ! शिक्षा विभाग के एक आदेश से मचा हड़कंप, जानिए कैसे बचेगी नौकरी?
Bihar Teacher News: बिहार के 53 हजार से अधिक शिक्षकों पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है। इन शिक्षकों की नौकरी भी जा सकती है। शिक्षा विभाग के आदेश के बाद से ही शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है। आइए जानते हैं पूरी खबर...
Bihar Teacher News: बिहार के सरकारी स्कूलों के लिए शिक्षा विभाग ने बड़ा आदेश जारी किया है। शिक्षा विभाग के आदेश से शिक्षकों में हड़कंप मच गया है। शिक्षा विभाग के इस आदेश का राज्य भर के 72 हजार से अधिक शिक्षकों पर असर पड़ेगा। इन शिक्षकों की नौकरी तक जा सकती है। ऐसे में अब शिक्षकों के सामने ये सवाल खड़ा हो रहा है कि उनकी नौकरी कैसे बचेगी। आइए जानते पहले शिक्षा विभाग का आदेश क्या है और इसका असर शिक्षकों पर क्या पड़ेगा।
शिक्षा विभाग के कार्रवाई से हड़कंप
जानकारी अनुसार राज्य के सरकारी स्कूलों में कार्यरत 72,287 शिक्षकों के जाति, आधार, आय, शैक्षणिक योग्यता और प्रशिक्षण से जुड़े प्रमाण पत्रों की गहन जांच की जाएगी। यह जांच निगरानी अन्वेषण ब्यूरो (विजिलेंस) द्वारा कराई जाएगी। फर्जी प्रमाण पत्र पाए जाने पर संबंधित शिक्षक की सेवा समाप्त कर दी जाएगी, अब तक मिली पूरी सैलरी की ब्याज सहित वसूली होगी और आपराधिक मामला भी दर्ज किया जाएगा।
53 हजार से अधिक शिक्षकों के प्रमाण पत्र संदिग्ध
शिक्षा विभाग के अनुसार, वर्ष 2006 से 2015 के बीच नियुक्त नियोजित शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच कराई जा रही है। इसमें हाईस्कूल, इंटरमीडिएट, बीएड, बीटीसी, बीए, जाति, दिव्यांगता समेत अन्य आवश्यक प्रमाण पत्र शामिल हैं। सभी दस्तावेजों का मिलान संबंधित राज्य, जिला, बोर्ड और विश्वविद्यालय से कराया जाएगा। जांच में सामने आया है कि 53,894 शिक्षकों की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की मार्कशीट व प्रमाण पत्र संदिग्ध हैं।
कई संस्थानों के प्रमाण पत्र संदिग्ध
वहीं शेष 18,393 शिक्षकों के बीएड, बीटीसी, बीए, जाति और अन्य प्रमाण पत्रों की जांच की जाएगी। इस प्रक्रिया में बिहार बोर्ड के 46,681, संस्कृत बोर्ड के 1,763 और मदरसा बोर्ड के 5,450 प्रमाण पत्र शामिल हैं। इसके अलावा तिलका मांझी विश्वविद्यालय, मगध विश्वविद्यालय, नालंदा खुला विश्वविद्यालय, पटना विश्वविद्यालय, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, जयप्रकाश विश्वविद्यालय, बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय और बीएन मंडल विश्वविद्यालय सहित कई संस्थानों के हजारों प्रमाण पत्र जांच के दायरे में हैं।
40 हजार से अधिक फर्जी शिक्षक बने राज्यकर्मी
शिक्षा विभाग अब तक सात बार विभागीय स्तर पर प्रमाण पत्रों की जांच करा चुका है, लेकिन ठोस नतीजे सामने नहीं आ सके। विभागीय लापरवाही के कारण कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पाई। अब राज्य सरकार ने यह जिम्मेदारी निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को सौंपी है। सभी जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारियों को जांच में पूर्ण सहयोग के निर्देश दिए गए हैं। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक, फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर 40 हजार से अधिक शिक्षक सक्षमता परीक्षा और टीआरई-1, 2 व 3 पास कर राज्यकर्मी बन चुके हैं। यदि जांच में राज्यकर्मी शिक्षक भी फर्जी पाए गए तो उनकी नौकरी समाप्त की जाएगी और वेतन व अन्य सुविधाओं की राशि की वसूली की जाएगी। करीब 420 मामलों में प्राथमिकी दर्ज किए जाने की भी तैयारी है।
अब तक इतने शिक्षकों पर गिरी गाज
गौरतलब हो कि, बिहार में कुल 81 हजार स्कूलों में करीब 5.80 लाख शिक्षक कार्यरत हैं। वर्ष 2006 से 2016 के बीच 3.68 लाख नियोजित शिक्षकों की नियुक्ति हुई थी, जिनमें से सक्षमता परीक्षा पास कर लगभग 2.60 लाख शिक्षक राज्यकर्मी बन चुके हैं। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की सख्ती से जांच की जा रही है। फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रत्येक जिले में बोर्ड, विश्वविद्यालय और जिला कार्यालय स्तर पर सत्यापन कराया जा रहा है। हाल के दिनों में नवादा, कटिहार और सारण सहित कई जिलों में शिक्षकों के फर्जी प्रमाण पत्र पकड़े गए हैं। अगस्त से अक्टूबर के बीच 106 शिक्षकों पर एफआईआर भी दर्ज की जा चुकी है।
कैसे बचेगी नौकरी?
ऐसे में उन शिक्षकों के लिए झटके वाली खबर है जिन्होंने फर्जी प्रमाणपत्र के आधार नौकरी हासिल की है। सरकार उनकी सेवा तो समाप्त करेगी ही साथ ही उनको अब तक मिली सैलरी की भी वसूली की जाएगी। साथ ही अपराधिक मामले भी दर्ज किए जाएंगे। जिन शिक्षकों ने फर्जी तरीके से नौकरी हासिल किया है उनके लिए यह बहुत बड़ी खबर है। वहीं जो शिक्षक सही प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहे हैं उनके लिए परेशानी की कोई बात नहीं है। शिक्षा विभाग ने साफ किया है कि यदि सभी दस्तावेज सही होंगे तो शिक्षकों पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। शिक्षक आराम से सेवा देंगे।