ठंड में पटरियां चटकने का डर: दानापुर मंडल में 'नाइट पेट्रोलिंग' शुरू, 2080 किमी ट्रैक पर रात भर पहरा देंगे 780 कर्मचारी
ठंड के कारण रेल पटरियों में होने वाली टूट-फूट और दरारों को रोकने के लिए दानापुर रेल मंडल ने कमर कस ली है। मंडल ने शीतकालीन नाइट ट्रैक पेट्रोलिंग शुरू की है, जो फरवरी 2026 तक जारी रहेगी।
Patna - ठंड का मौसम आते ही रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और ट्रेन संचालन को सुचारू बनाए रखने के लिए कमर कस ली है। बिहार के दानापुर रेल मंडल ने पटरियों की सुरक्षा के लिए 'शीतकालीन नाइट ट्रैक पेट्रोलिंग' (Winter Night Patrolling) की शुरुआत कर दी है। रेलवे के अनुसार, तापमान में गिरावट के कारण लोहे की पटरियों में सिकुड़न (Contraction) होने और दरारें पड़ने (Rail Fracture) की संभावना काफी बढ़ जाती है, जिससे बड़ा हादसा हो सकता है। इसी खतरे को देखते हुए मंडल की करीब 2080 किलोमीटर लंबी रेल लाइन को अब हर रात विशेष निगरानी में रखा जा रहा है।
इस महाअभियान को सफल बनाने के लिए रेलवे ने 780 कर्मचारियों की तैनाती की है, जिन्हें दो-दो की टीमों में बांटा गया है। यह पेट्रोलिंग रात 10 बजे से शुरू होकर सुबह 6 बजे तक चलती है। डबल लाइन वाले रूट पर प्रत्येक टीम को दो किलोमीटर और सिंगल लाइन सेक्शन पर चार किलोमीटर ट्रैक की सघन जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सुरक्षा में कोई चूक न हो, इसके लिए एक सख्त व्यवस्था बनाई गई है। दो स्टेशनों के बीच दोनों ओर से निकले कर्मचारी बीच रास्ते में मिलते हैं और एक-दूसरे के पेट्रोलिंग रजिस्टर पर हस्ताक्षर करते हैं। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि ट्रैक के हर हिस्से की जांच पूरी ईमानदारी से की गई है।
दानापुर रेल मंडल के सीनियर डीसीएम अभिनव सिद्धार्थ ने बताया कि यात्रियों की सुरक्षित यात्रा रेलवे की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने जानकारी दी कि झाझा-पटना-पंडित दीनदयाल उपाध्याय (DDU) रेलखंड समेत मंडल के सभी महत्वपूर्ण मार्गों पर यह विशेष निगरानी अभियान फरवरी 2026 तक जारी रहेगा। यदि गश्त के दौरान ट्रैक में कोई भी तकनीकी खामी या क्रैक नजर आता है, तो तुरंत मरम्मत टीम को सूचना देकर उसे ठीक किया जाता है, ताकि किसी भी संभावित दुर्घटना को टाला जा सके।