Bihar School News: ACS S. सिद्धार्थ का नया फरमान, अब सरकारी स्कूल में पढ़ाई के साथ बच्चों को करना होगा ये काम

Bihar School News: बिहार के सरकारी स्कूल में अब बच्चों को पढ़ाई के साथ साथ एक और काम करना होगा। इसके लिए शिक्षा विभाग ने फरमान जारी कर दिया है...पढ़िए आगे..

शिक्षा विभाग
ACS S Siddharth order- फोटो : social media

Bihar School News:  बिहार में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए शिक्षा विभाग और बिहार सरकार की ओर से कई प्रयास किए जा रहे हैं। शिक्षा विभाग के एसीएस एस सिद्धार्थ सरकारी स्कूलों को लेकर नया नया फरमान जारी करते रहते हैं। इसी कड़ी में शिक्षा विभाग ने नया फरमान जारी किया है। इसके तहत अब सरकारी स्कूल के बच्चों को तैराकी सिखाई जाएगी। कक्षा 9 से 12 तक के बच्चों को तैराकी सिखाई जाएगी। 

सरकारी स्कूल के बच्चे सिखेंगे तैराकी 

दरअसल, बिहार के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं तैराकी भी सीखेंगे। राज्य सरकार ने 9वीं से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को तैराकी का प्रशिक्षण देने की योजना बनाई है। इसका उद्देश्य आपदा की स्थिति में छात्रों को न सिर्फ खुद को बचाने के लिए सक्षम बनाना है बल्कि वे दूसरों की भी मदद कर सकें। यह प्रशिक्षण बिहार शिक्षा परियोजना परिषद (BEPC) और बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (BSDMA) के संयुक्त तत्वावधान में संचालित किया जाएगा। शुरुआत में पटना सहित उन जिलों को शामिल किया गया है। जहां स्विमिंग पूल की सुविधा उपलब्ध है। प्रशिक्षण योग्य कोच के निर्देशन में दिया जाएगा।

जिला और प्रखंड मुख्यालयों में बनाए जाएंगे स्विमिंग पूल

सरकार की योजना के तहत जिला और प्रखंड मुख्यालयों में भी नए स्विमिंग पूल बनाए जाएंगे। इस कार्यक्रम को लेकर BEPC और BSDMA के बीच कई बैठकें हो चुकी हैं। मुख्यमंत्री विद्यालय सुरक्षा कार्यक्रम के तहत इस पहल को अमल में लाया जा रहा है। BEPC के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. उदय कुमार उज्ज्वल को 'सुरक्षित शनिवार' के संचालन और अन्य आपदा प्रबंधन गतिविधियों के लिए सप्ताह में दो दिन BSDMA में प्रतिनियुक्त किया गया है।

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बच्चे सिखेंगे कई गुण 

अधिकारियों का कहना है कि राज्य में नदियों और तालाबों में डूबने की घटनाएं अक्सर सामने आती हैं। तैराकी प्रशिक्षण से बच्चों में आत्मरक्षा की क्षमता विकसित होगी और वे आपात स्थिति में सक्रिय भूमिका निभा सकेंगे। इसके साथ ही भूकंप संभावित जिलों में प्रत्येक सुबह की प्रार्थना सभा के दौरान भूकंप से बचाव की मॉक ड्रिल कराई जाएगी। ‘आपदा मित्र’ कार्यक्रम के जरिए बच्चों को आत्मरक्षा के साथ-साथ अपने परिवार को भी सुरक्षा के गुर सिखाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।