Bihar Teacher News: ACS सिद्धार्थ का नया फरमान, अब शिक्षकों और बच्चों पर रहेगी विभाग की तीसरी नजर, 1 अगस्त नई व्यवस्था लागू

Bihar Teacher News: बिहार सरकार की ओर से शिक्षा व्यवस्था को और भी अधिक उत्कृष्ट बनाने के लिए एक के बाद एक निर्णय लिया जा रहा है। इसी कड़ी में विभाग के अपर मुख्य सचिव ने एक नया फरमान जारी किया है। यह व्यवस्था 1 अगस्त से लागू हो जाएगा।

ACS Siddharth
ACS Siddharth order- फोटो : social media

Bihar Teacher News:  बिहार के सरकारी स्कूलों में अब पढ़ाई और उपस्थिति की मॉनिटरिंग टैबलेट के जरिए होगी। शिक्षा विभाग ने पटना के पांच स्कूलों में पायलट प्रोजेक्ट के सफल संचालन के बाद अब इसे राज्यभर के स्कूलों में लागू करने का फैसला लिया है। इस नई व्यवस्था के तहत हर स्कूल को दो टैबलेट दिए जा रहे हैं जिनका इस्तेमाल शिक्षण कार्य, उपस्थिति, मिड-डे मील और साफ-सफाई की निगरानी में किया जाएगा।

शिक्षकों को करना होगा ये काम 

एक अगस्त से शुरू हो रही इस योजना के तहत अब शिक्षक और प्रधानाध्यापक प्रत्येक दिन अपनी और छात्रों की तस्वीरें और वीडियो ई-शिक्षा पोर्टल पर अपलोड करेंगे। वर्ग शिक्षक कक्षा में मौजूद छात्रों की तस्वीर और वीडियो बनाएंगे। मध्याह्न भोजन (मिड-डे मील) के दौरान भोजन करते बच्चों की तस्वीरें भी पोर्टल पर डालनी होंगी। स्कूल परिसर की सफाई का भी वीडियो अपलोड करना होगा।

शिक्षकों और बच्चों की उपस्थिति पर भी नजर

प्रधानाध्यापक टैबलेट के जरिए शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज करेंगे। कौन शिक्षक अवकाश पर है और कौन स्कूल में कार्यरत इसकी रिपोर्ट रोजाना ऑनलाइन भेजी जाएगी। हर शिक्षक को अपनी तस्वीर भी प्रतिदिन अपलोड करनी होगी।

टैबलेट की सुरक्षा होगी ट्रैकिंग से सुनिश्चित

टैबलेट की चोरी या गुम होने की स्थिति में उसे आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा क्योंकि हर टैबलेट का IMEI नंबर, सीरियल नंबर, सिम नंबर, उपयोगकर्ता का नाम और पदनाम ई-रिकॉर्ड में रहेगा। यह जानकारी प्रधानाध्यापक के पास सुरक्षित रखी जाएगी। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (समग्र शिक्षा) कुमकुम पाठक ने बताया कि राज्य के प्रत्येक प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक स्कूलों को दो टैबलेट दिए जा रहे हैं। जिन स्कूलों में छात्रों की संख्या अधिक है, वहां तीन टैबलेट भी दिए जा सकते हैं।

शिक्षा विभाग का क्या है उद्देश्य

इस योजना का मुख्य उद्देश्य पढ़ाई की निगरानी को पारदर्शी और डिजिटल बनाना। छात्रों की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित करना। शिक्षकों की जवाबदेही तय करना और सबसे महत्वपूर्ण, शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारना है।