मगध जीत लिया, अब बंगाल फतेह की तैयारी, बीजेपी के डिप्टी सीएम ने बता दिया पार्टी का अगला लक्ष्य

मगध जीत लिया, अब बंगाल फतेह की तैयारी, बीजेपी के डिप्टी सीएम

patna - उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस के संभावित गठबंधन को लेकर तीखा हमला बोला है। उन्होंने सपा नेताओं द्वारा कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के कारण गठबंधन तोड़ने की मांग पर तंज कसते हुए कहा कि यह गठबंधन रहे या टूटे, दोनों दलों की दुर्गति तय है। 

उनका मानना है कि उत्तर प्रदेश में इनकी स्थिति बिहार में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस की हुई दुर्गति से भी बदतर होगी। उन्होंने सपा प्रमुख अखिलेश यादव के इस दावे पर कि "हमने अवध जीता है, अब मगध जीतेंगे," पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी ने मगध (बिहार) जीत लिया है और वह 2027 के विधानसभा चुनाव में अवध (उत्तर प्रदेश) को भी जीतेगी, यहां तक कि अखिलेश यादव को उनके मूल निवास सैफई भेज दिया जाएगा।

मौर्य ने मतदाता सूची अभियान (SIR) को लेकर भी अपनी स्थिति स्पष्ट की और इसे "लोकतंत्र का महायज्ञ" बताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जो भी राजनीतिक दल भारत के संविधान और संवैधानिक संस्थाओं में विश्वास रखते हैं, उन्हें इस प्रक्रिया में भाग लेना चाहिए। उन्होंने सीधे तौर पर उन सभी तत्वों को 'लोकतंत्र विरोधी' और 'भारत विरोधी' करार दिया, जो इस संवैधानिक प्रक्रिया का विरोध करते हैं या मतदाताओं को सूची का हिस्सा बनने से रोकते हैं। यह बयान संवैधानिक प्रक्रियाओं में जनभागीदारी के महत्व को रेखांकित करता है।

इसके अतिरिक्त, उपमुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी बात की। उन्होंने 'ऑपरेशन सिंदूर' को लेकर आई अमेरिकी रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए कहा कि यह एक आतंकवादी हमला था, जिसका जवाब भारत ने इस ऑपरेशन के माध्यम से दिया है। 

उन्होंने स्पष्ट संदेश दिया कि भारत सरकार आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करेगी और जो भी देश या संगठन भारत के खिलाफ हमला करेगा या आतंकवाद को बढ़ावा देगा, उसे कड़ा दंड दिया जाएगा। यह बयान भारत की दृढ़ राष्ट्रीय सुरक्षा नीति को दर्शाता है।

अन्य राजनीतिक दावों में, केशव प्रसाद मौर्य ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की संगठनात्मक शक्ति और चुनावी संभावनाओं पर भरोसा जताया। उन्होंने पश्चिम बंगाल में आगामी चुनावों को लेकर '100% बंगाल फतेह' का दावा किया, जिससे पूर्वी भारत में पार्टी के विस्तार के प्रति उनका आत्मविश्वास झलकता है। यह दावा पार्टी की राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाओं का संकेत है और यह दर्शाता है कि बीजेपी राज्य स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

अंत में, उन्होंने बीजेपी द्वारा मंत्रिमंडल में मुस्लिम सदस्य को शामिल न करने के विवादित सवाल पर भी अपनी राय दी। मौर्य ने स्पष्ट कहा कि बीजेपी अपने संगठनात्मक और राजनीतिक हितों के अनुसार निर्णय लेगी। उन्होंने कहा कि बीजेपी को जिसकी जरूरत होगी, वह करेगी और इस मामले में किसी अन्य दल या व्यक्ति के कहने पर उसे कोई कदम उठाने की आवश्यकता नहीं है। यह टिप्पणी बीजेपी के आंतरिक निर्णय लेने की स्वतंत्रता और उसके राजनीतिक स्वायत्तता को दर्शाती है।

रिपोर्ट - रंजीत कुमार