तेज प्रताप का लालू-राबड़ी के बाद तेजस्वी को सीधा संदेश- नहीं पूरा होगा मुझे अलग करने का सपना
अनुष्का यादव के साथ तेज प्रताप यादव के संबंधों के खुलासे के बाद अब लालू के बड़े बेटे ने अपने माता-पिता और भाई तेजस्वी यादव को लेकर एक बड़ा संदेश दिया है.

Tej Pratap Yadav: राजद सुप्रीमो लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने पार्टी और परिवार से निकाले जाने के बाद रविवार को चुप्पी तोड़ी. उन्होंने अपने खिलाफ हुई कार्रवाई को लेकर पार्टी के भीतर मौजूद 'जयचंद' को आड़े हाथों लिया. तेज प्रताप यादव ने अपने माता-पिता (राबड़ी-लालू) और भाई (तेजस्वी) के नाम जारी संदेश में खुद को उनके साथ बताया है. वहीं बिना किसी का नाम लिए राजद के एक नेता पर हमला बोलते हुए 'जयचंद' कहा है. गौरतलब है कि अनुष्का यादव नामक एक लड़की के साथ 12 वर्षों से तेज प्रताप के रिलेशनशिप की खबर आने के बाद लालू यादव ने उन्हें पार्टी और परिवार से निकाल दिया था.
मम्मी पापा.... मेरी सारी दुनिया
अब तेज प्रताप यादव ने अपने संदेश में कहा, 'मेरे प्यारे मम्मी पापा.... मेरी सारी दुनिया बस आपदोनों में ही समाई है। भगवान से बढ़कर है आप और आपका दिया कोई भी आदेश।आप है तो सबकुछ है मेरे पास।मुझे सिर्फ आपका विश्वास और प्यार चाहिए ना कि कुछ और। पापा आप नही होते तो ना ये पार्टी होती और ना मेरे साथ राजनीति करने वाले कुछ जयचंद जैसे लालची लोग।बस मम्मी पापा आपदोनो स्वस्थ और खुश रहे हमेशा।'
तेजस्वी को संदेश
वहीं एक अन्य ट्वीट में उन्होंने तेजस्वी यादव को केन्द्रित कर कहा कि 'मेरे अर्जुन से मुझे अलग करने का सपना देखने वालों ,तुम कभी अपनी साजिशों में सफल नही हो सकोगे,कृष्ण की सेना तो तुम ले सकते हो लेकिन खुद कृष्ण को नही। हर साजिश को जल्द बेनकाब करूंगा। बस मेरे भाई भरोषा रखना मैं हर परिस्थिति में तुम्हारे साथ हूँ, फिलहाल दूर हूँ लेकिन मेरा आशीर्वाद हमेशा तुम्हारे साथ था और रहेगा। मेरे भाई मम्मी पापा का ख्याल रखना, जयचंद हर जगह है अंदर भी और बाहर भी'
पार्टी -परिवार से हुए बेदखल
दरअसल, लालू यादव ने 25 मई को एक बड़ा फैसला लेते हुए तेज प्रताप यादव के खिलाफ कार्रवाई की थी. अनुष्का से सम्बन्धों के उजागर होने के बाद लालू ने कहा था, 'निजी जीवन में नैतिक मूल्यों की अवहेलना करना हमारे सामाजिक न्याय के लिए सामूहिक संघर्ष को कमज़ोर करता है। ज्येष्ठ पुत्र की गतिविधि, लोक आचरण तथा गैर जिम्मेदाराना व्यवहार हमारे पारिवारिक मूल्यों और संस्कारों के अनुरूप नहीं है। अतएव उपरोक्त परिस्थितियों के चलते उसे पार्टी और परिवार से दूर करता हूँ। अब से पार्टी और परिवार में उसकी किसी भी प्रकार की कोई भूमिका नहीं रहेगी। उसे पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया जाता है। अपने निजी जीवन का भला -बुरा और गुण-दोष देखने में वह स्वयं सक्षम है। उससे जो भी लोग संबंध रखेंगे वो स्वविवेक से निर्णय लें। लोकजीवन में लोकलाज का सदैव हिमायती रहा हूँ। परिवार के आज्ञाकारी सदस्यों ने सावर्जनिक जीवन में इसी विचार को अंगीकार कर अनुसरण किया है। धन्यवाद।'
इन सबके बीच पहली बार तेज प्रताप यादव ने पूरे मामले में चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने पार्टी के भीतर के किसी नेता को जयचंद की उपाधि देते हुए उन पर हमला बोला है.