अनंत सिंह की जमानत याचिका खारिज, फ़िलहाल जेल से नहीं आएंगे बाहर मोकामा विधायक, दुलारचंद यादव हत्याकांड में लगा बड़ा झटका
मोकामा से जदयू विधायक अनंत सिंह की सिविल कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी है. वे दुलारचंद हत्याकांड में बेउर जेल में बंद हैं.
Anant Singh : अनंत सिंह की सिविल कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी है. अब वह पटना हाईकोर्ट में इसे चुनौती देंगे. दरअसल,विधानसभा चुनाव के दौरान मोकामा में दुलारचंद यादव हत्याकांड में अनंत सिंह को आरोपी बनाया गया है. उन्होंने जमानत याचिका दायर की थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दी है. अनंत सिंह को बिहार विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान 30 अक्टूबर को दुलारचंद यादव की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इसके बाद से अनंत सिंह बेऊर जेल में बंद हैं.
अनंत सिंह ने मोकामा से विधानसभा चुनाव में जदयू प्रत्याशी के रूप में किस्मत आजमाई. उन्होंने चुनाव में राजद की वीणा देवी को 28 हजार वोटों से ज्यादा के अंतर से हराया. हालांकि नीतीश कुमार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के दिन उनके समर्थक मान रहे थे कि उन्हें जेल से बाहर आने के लिए कोर्ट से बड़ी राहत मिल सकती है लेकिन उनकी जमानत याचिका ख़ारिज हो गई.
छोटे सरकार ने दायर की थी याचिका
जानकारी अनुसार जमानत याचिका में अनंत सिंह ने खुद को राजनीतिक प्रतिशोध का शिकार बताते हुए दावा किया है कि दुलारचंद यादव की हत्या से उनका कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार द्वारा लगाए गए आरोप उनकी राजनीतिक छवि को नुकसान पहुंचाने के लिए गढ़े गए हैं। अनंत के मुताबिक, चुनाव प्रचार के दौरान दोनों दलों के काफिले आमने-सामने आने से सिर्फ मौखिक विवाद हुआ था। न कोई साजिश थी, न कोई हमले की योजना। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत का कारण गोली नहीं, बल्कि भारी चोट पाया गया है।
अनंत सिंह का दावा
वहीं अनंत सिंह ने कहा कि गिरफ्तार होने के बाद उन्होंने जांच में पूरा सहयोग किया है और उनके पास से कोई हथियार या आपत्तिजनक वस्तु भी बरामद नहीं की गई। फिलहाल वह दुलारचंद हत्याकांड के मुख्य आरोपी के तौर पर बेऊर जेल में बंद हैं। गौरतलब हो कि, 29 अक्टूबर को मोकामा के घोसवरी थाना क्षेत्र स्थित बसावनचक में चुनाव प्रचार के दौरान राजद नेता और जनसुराज के समर्थक दुलारचंद यादव की मौत हुई थी। घटना के अगले दिन अनंत सिंह पर आरोप तय हुए और 1 नवंबर की रात उन्हें गिरफ्तार कर पुलिस ने 2 नवंबर को कोर्ट में पेश करने के बाद बेऊर जेल भेज दिया।
अनिल की रिपोर्ट