PATNA - पटना हाई कोर्ट ने आज एक महत्वपूर्ण निर्णय में ये स्पष्ट किया है कि बिहार पंचायती राज अधिनियम 2006 के वे प्रावधान संवैधानिक एवं सही है , जिसके तहत राज्य निर्वाचन आयोग एवं जिला निर्वाचन अधिकारी पंचायती चुनाव कराने हेतु सार्वजनिक बैंकों के अफसर व कर्मियों की सेवा लेती है। एक्टिंग चीफ जस्टिस आशुतोष कुमार एवं जस्टिस पार्थ सारथी की खंडपीठ ने स्टेट बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन की रिट याचिका को खारिज करते हुए यह निर्णय दिया ।
याचिकाकर्ता संघ ने बिहार पंचायत राज अधिनियम 2006 के उस प्रावधान को चुनौती दिया ( धारा 125(9)), जिसके तहत जिला निर्वाचन अधिकारी ( डीएम ) किसी भी केंद्र वो राज्य सरकार कंपनी, जिसमें सार्वजनिक बैंक भी आते हैं , उनके कर्मियों को पंचायती राज चुनाव ड्यूटी पर लगा सकती है।
याचिकाकर्ता के वकील अपूर्व हर्ष ने दलील दिया कि संविधान में निर्वाचन संबंधित कानून बनाने की शक्तियां केंद्र सरकार के पास है।कोर्ट ने इस कानूनी बहस को आधारहीन और संकुचित करार देते हुए कहा कि संविधान के प्रावधान को व्यापक तौर पर देखना चाहिए । अनुच्छेद -के द्वारा राज्य सरकार को पंचायती राज संस्थानों के चुनाव संबंधित कानून / नियम बनाने की शक्ति मिलती है ।