Bihar Police: बिहार में थानेदारों,निजी ड्राइवरों और तस्करों के गठजोड़ पर बड़ा खुलासा,पुलिस मुख्यालय भी हैरान....

बिहार में थानों से संचालित हो रही शराब-बालू की तस्करी का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। ड्राइवर ‘कलेक्शन एजेंट’ बन गए हैं! थानेदारों की मिलीभगत उजागर होने से हड़कंप मचा हुआ है....

Alliance of policemen, private drivers and smugglers
थानेदारों,निजी ड्राइवरों और तस्करों के गठजोड़- फोटो : social Media

Bihar Police: बिहार में पुलिस ड्राइवर अब सिर्फ वाहन नहीं चला रहा, वह थानेदारों का सबसे भरोसेमंद वसूली एजेंट बन गया है। एक आरटीआई से जो खुलासा हुआ है, वह पूरे पुलिस तंत्र को झकझोरने वाला है। थानों में बिना वेरिफिकेशन के रखे गए निजी ड्राइवर, शराब और बालू माफियाओं के संपर्क सूत्र के रूप में काम कर रहे हैं। इनका असली काम गाड़ी चलाना नहीं, माफियाओं से वसूली कर रकम थानेदारों तक पहुँचाना था।

बीते तीन वर्षों में 50 थानाध्यक्षों को शराब और बालू तस्करी में मिलीभगत के आरोप में सस्पेंड किया गया है, जबकि 17 को लाइन हाजिर किया गया। गोपालगंज नगर थाने में चौकीदार की शिकायत पर बालू माफिया से सांठगांठ का पर्दाफाश हुआ, कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया। रोहतास में खनन माफियाओं से मिली सूचना के आधार पर तीन थानेदारों और एक पुलिस अधिकारी को सस्पेंड किया गया।

ब्रहपुर थाना तो मानो तस्करों का गोदाम बन गया था। छापेमारी में शराब के कार्टन और जब्त शराब की चोरी उजागर हुई। थानाध्यक्ष, दारोगा और चार सिपाही सस्पेंड हुए।

बिहार पुलिस में 6902 ड्राइवर पद खाली हैं, जिनकी भरपाई थानेदारों ने ‘अपने आदमी’ रखकर की। नतीजा ये कि निजी चालक अब माफियाओं के साथ थाने की मिलीभगत का जरिया बन गए हैं। बक्सर, वैशाली, मुंगेर, मोतिहारी, भागलपुर सहित कई जिलों में दर्जनों प्राइवेट ड्राइवर रखे गए हैं, जिनकी कोई पारदर्शी जांच तक नहीं हुई।यह सिर्फ तस्करी नहीं, यह व्यवस्था की चूकों की ऐसी दास्तान है जिसमें कानून के रखवाले खुद कानून तोड़ने वालों के संरक्षक बन बैठे हैं।