Bihar News: बिहार में अब कभी नहीं कटेगी बिजली, इन 15 ग्रिड सब स्टेशनों पर स्टोरेज के लिए बनाया जा रहा शानदार सिस्टम, जानिए

Bihar News: बिहार को जल्द ही अत्याधुनिक बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली मिलेगी। 15 सब ग्रिड स्टेशन को सशक्त किया जाएगा। इसको लेकर सरकार ने शानदान प्लान बनाया है।

 15 ग्रिड सब स्टेशनों
15 ग्रिड सब स्टेशनों- फोटो : social media

Bihar News:  बिजली आपूर्ति को और अधिक मजबूत और निर्बाध बनाने की दिशा में बिहार में एक बड़ी पहल की गई है। राज्य के 15 सब ग्रिड स्टेशनों पर 125 मेगावाट क्षमता की बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली (BESS) लगाई जाएगी, जिससे आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में भी चार घंटे तक बिजली दी जा सकेगी। यह प्रणाली घरों में इस्तेमाल होने वाले इन्वर्टर की तकनीक से प्रेरित है लेकिन कहीं अधिक शक्तिशाली और व्यापक प्रभाव वाली है।

ऊर्जा मंत्रालय से मिली मंजूरी 

इस परियोजना को केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय से मंजूरी मिल गई है और इसे वायबिलिटी गैप फंडिंग (VGF) योजना के तहत लागू किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने इस परियोजना के लिए 135 करोड़ रुपये की वित्तीय स्वीकृति दी है। यह राशि प्रति मेगावाट घंटे 27 लाख रुपये या कुल लागत का 30% (जो भी कम हो) के हिसाब से दी जाएगी।

ग्रिड संतुलन और बफर पावर स्टोरेज की सुविधा

इस सिस्टम की कुल ऊर्जा भंडारण क्षमता 500 मेगावाट घंटे होगी। जिससे पीक आवर्स के दौरान मांग-आपूर्ति में संतुलन बना रहेगा। ग्रिड में जब भी बिजली की मांग अधिक होगी या आपूर्ति बाधित होगी तब यह बैटरियां सपोर्ट करेंगी। इस प्रणाली से राज्य के 24 घंटे गुणवत्तापूर्ण बिजली आपूर्ति के लक्ष्य को बल मिलेगा।

इन 15 स्थानों पर लगेंगी बैटरियां

परियोजना के तहत जिन 15 सब ग्रिड स्टेशनों को चयनित किया गया है, वे हैं- मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, बेतिया, भागलपुर (नया), सीतामढ़ी, फतुहा, मुशहरी, उदाकिशुनगंज, जमुई (नया), अस्थावां (नालंदा), जहानाबाद, रफीगंज, शिवहर, सीवान, किशनगंज और बांका। इस स्थानों पर बैटरियां लगाई जाएंगी। प्रत्येक ग्रिड स्टेशन पर 5 से 20 मेगावाट की बैटरी यूनिट लगाई जाएगी। अभी तक 6 ग्रिड स्टेशनों के लिए निविदाकर्ता का चयन किया जा चुका है और शेष स्थानों के लिए प्रक्रिया जारी है।

नवीकरणीय ऊर्जा के बेहतर उपयोग की दिशा में कदम

बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड (BSPGCL) इस परियोजना को कार्यान्वित कर रही है। इसके माध्यम से सौर और पवन जैसे नवीकरणीय स्रोतों से मिलने वाली ऊर्जा का बेहतर उपयोग संभव होगा और कम लागत पर बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी।

ऊर्जा मंत्री ने बताया ‘ऐतिहासिक कदम’

राज्य के ऊर्जा मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव ने कहा कि यह परियोजना बिहार की ऊर्जा व्यवस्था को लचीला, विश्वसनीय और पर्यावरण अनुकूल बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार आत्मनिर्भर ऊर्जा राज्य बनने की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है। यह परियोजना तकनीकी नवाचार और सतत विकास को बढ़ावा देने का प्रतीक है।” यह परियोजना न केवल बिहार के ऊर्जा भविष्य को सुरक्षित बनाएगी, बल्कि देशभर में बैटरी स्टोरेज आधारित ऊर्जा समाधान के क्षेत्र में एक आदर्श मॉडल के रूप में उभरेगी।