Bihar Assembly elections 2025: बिहार में बढ़ी सियासी गर्मी!लालू यादव बोले NDA नौ दो ग्यारह तो विजय सिन्हा ने दिया करारा जवाब, जानें क्या कुछ कहा?

Bihar Assembly elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। लालू यादव के 'NDA नौ दो ग्यारह' वाले पोस्ट पर उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने करारा पलटवार किया।

Bihar Assembly elections 2025
बिहार में बढ़ी सियासी गर्मी!- फोटो : SOCIAL MEDIA

Bihar Assembly elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे करीब आ रहा है, राज्य की राजनीति में सियासी पारा लगातार चढ़ता जा रहा है।नेताओं की जुबानी जंग अब और तीखी हो गई है।राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने हाल ही में एक सोशल मीडिया पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने दावा किया कि आगामी चुनाव में "डबल इंजन सरकार की विदाई तय है"।उन्होंने अपने अंदाज़ में कहा कि छह और ग्यारह, NDA नौ दो ग्यारह!”

लालू यादव के इस बयान का मतलब था कि बिहार में 6 और 11 नवंबर को मतदान होगा और उसके बाद एनडीए सरकार की हार निश्चित है।उनके इस व्यंग्यात्मक अंदाज़ ने पूरे राजनीतिक गलियारे को हिला दिया है और एनडीए नेताओं ने पलटवार शुरू कर दिया है।

विजय सिन्हा का पलटवार लालू यादव धृतराष्ट्र बन चुके हैं

लालू यादव के बयान पर बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा ने तीखी प्रतिक्रिया दी।उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यादव अब अपने जीवन के अंतिम राजनीतिक चरण में हैं और “पुत्रमोह में अंधे होकर धृतराष्ट्र” बन गए हैं।विजय सिन्हा ने कहा कि जनता ही मालिक है, नेता नहीं।लालू यादव अब प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री की भूमिका में नहीं हैं, इसलिए उन्हें जनता के हित में सोचने की जरूरत है,न कि परिवारिक राजनीति में उलझने की। उन्होंने यह भी कहा कि सत्ता और परिवारवाद के मोह में पड़कर अगर नेता जनता से दूरी बना लें, तो यह बिहार के लिए नुकसानदेह साबित होगा।

लालू यादव का एनडीए पर वार भ्रष्टाचार की डबल इंजन सरकार

राजद प्रमुख लालू यादव ने इससे पहले भी कई मौकों पर नीतीश कुमार और एनडीए सरकार को निशाने पर लिया है।उनका कहना है कि बिहार की “डबल इंजन सरकार” वास्तव में भ्रष्टाचार का इंजन बन चुकी है।उन्होंने कहा कि बिहार की डबल इंजन सरकार का मतलब है भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार, अन्याय ही अन्याय। अब इस बार बिहार को बदलाव चाहिए। लालू यादव का यह बयान न केवल एनडीए पर तीखा हमला था, बल्कि यह संदेश भी था कि वे अब भी राजनीति में सक्रिय और प्रासंगिक बने रहना चाहते हैं।सोशल मीडिया के माध्यम से वे लगातार अपने समर्थकों से संवाद बनाए हुए हैं और जेन-जेड मतदाताओं तक अपनी बात पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।

सोशल मीडिया बना सियासी रणक्षेत्र

चुनाव से पहले बिहार की राजनीति में सोशल मीडिया एक नया अखाड़ा बन गया है।लालू यादव, तेजस्वी यादव, नीतीश कुमार, और बीजेपी के शीर्ष नेता लगातार X (पूर्व में ट्विटर), फेसबुक और यूट्यूब पर सक्रिय हैं।यहां पर हर पोस्ट एक नया विवाद जन्म दे रहा है — और प्रत्येक ट्वीट के बाद विपक्ष की तरफ़ से पलटवार तय है।विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार का चुनाव न केवल जमीनी राजनीति बल्कि डिजिटल युद्ध भी होगा।युवाओं तक पहुंचने के लिए सभी दल सोशल मीडिया को हथियार बना चुके हैं।लालू यादव का “NDA नौ दो ग्यारह” वाला तंज इसका ताज़ा उदाहरण है, जिसने चुनावी बहस को नई दिशा दे दी है।

लालू बनाम विजय सिन्हा राजनीति में विचारों की टकराहट

जहां लालू यादव "सरकार बदलो" के नारे के साथ जनता के बीच हैं, वहीं विजय सिन्हा “जनता ही मालिक है” के संदेश के साथ जवाबी मोर्चे पर डटे हैं।यह टकराव सिर्फ़ व्यक्तित्वों का नहीं, बल्कि दो राजनीतिक दर्शन का भी है —एक ओर "सामाजिक न्याय और बदलाव" का नारा है,दूसरी ओर "विकास और स्थिर शासन" की दलील।चुनावी मौसम में ऐसे बयान आने वाले हफ़्तों में और तीखे हो सकते हैं।यह स्पष्ट है कि 2025 का बिहार चुनाव अब सिर्फ़ मतदान की प्रक्रिया नहीं रहेगा, बल्कि “विचारों की जंग” में तब्दील हो चुका है।