Bihar Assembly Election 2025: बिहार चुनाव से बाहर हुई झारखंड मुक्ति मोर्चा! कांग्रेस-आरजेडी पर लगाया धोखे का आरोप,कहा- 'इसका बदला जरूर लेंगे'
Bihar Assembly Election 2025: झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने बिहार विधानसभा चुनाव से खुद को अलग कर लिया है। मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने कांग्रेस और आरजेडी पर धोखा देने का आरोप लगाया और कहा कि पार्टी इसका बदला जरूर लेगी।

Bihar Assembly Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के सियासी समीकरण में बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। झारखंड की सत्ताधारी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने अचानक बिहार विधानसभा चुनाव से खुद को अलग कर लिया है। यह जानकारी झारखंड सरकार में मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दी।उन्होंने खुलकर कहा कि महागठबंधन के प्रमुख दल कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया और झामुमो को चुनावी मैदान से बाहर करने की राजनीतिक चाल चली है। सोनू ने कहा कि यह सिर्फ JMM का अपमान नहीं, बल्कि झारखंड की जनता और आदिवासी समाज का अपमान है। कांग्रेस और राजद ने हमें धोखा दिया है और इसका बदला जरूर लिया जाएगा। JMM का यह फैसला तब आया है जब दो दिन पहले ही पार्टी ने बिहार की छह सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। अचानक इस निर्णय ने पूरे महागठबंधन के समीकरण को हिला दिया है।
मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू का आरोप-गठबंधन धर्म तोड़ा गया
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू का गुस्सा साफ झलक रहा था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और आरजेडी दोनों ने गठबंधन धर्म का सम्मान नहीं किया। झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार में आरजेडी को पूरी इज्जत और हिस्सेदारी दी गई, लेकिन बिहार में इन दलों ने उसी JMM को किनारे कर दिया। सोनू ने कहा कि हेमंत सोरेन जी ने झारखंड में RJD को सम्मान दिया, उनके विधायक को मंत्री बनाया, लेकिन जब बिहार की बारी आई तो हमें न तो सम्मान दिया गया और न ही उचित सीटें। यह दोहरी नीति अब नहीं चलेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि आरजेडी ने जानबूझकर सीट बंटवारे की प्रक्रिया में JMM को शामिल नहीं किया और उनकी दावेदारी को अनदेखा किया। सोनू ने कहा कि राजद ने बड़ी चालाकी से हमें चुनाव मैदान से दूर रखने की साजिश रची है.
RJD को चुकानी होगी राजनीतिक कीमत
मंत्री ने आगे कहा कि 2019 में जब झारखंड में आरजेडी का केवल एक विधायक था, तब भी JMM ने उसे सरकार में शामिल किया। लेकिन अब, चार विधायक होने के बावजूद आरजेडी ने वही सम्मान लौटाने से इनकार कर दिया। हमने गठबंधन निभाया, उन्होंने विश्वास तोड़ा। आने वाले वक्त में RJD को इस राजनीतिक विश्वासघात की कीमत चुकानी होगी। सोनू ने यह भी कहा कि बिहार में महागठबंधन की एकता अब दिखावे की रह गई है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि झामुमो अब न तो बिहार विधानसभा चुनाव में कोई उम्मीदवार उतारेगी और न ही किसी महागठबंधन प्रत्याशी के लिए प्रचार करेगी।
महागठबंधन से अलग होकर खुद की रणनीति बनाएंगे
JMM के इस फैसले ने न केवल बिहार बल्कि झारखंड की राजनीति में भी हलचल मचा दी है। सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि पार्टी अब बिहार में महागठबंधन से पूरी तरह अलग होकर अपनी स्वतंत्र राजनीतिक रणनीति बनाएगी। अब यह दोहरी राजनीति नहीं चलेगी। झारखंड में हमारी ताकत से सरकार चले और बिहार में हमें धोखा दिया जाए, यह हम स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने इशारा किया कि आने वाले झारखंड विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन महागठबंधन के साथ अपने रिश्तों की समीक्षा कर सकते हैं। यह बयान झारखंड की सियासत के लिए भी बड़ा संकेत माना जा रहा है।
सियासी गलियारों में मची हलचल
JMM के अचानक चुनाव से बाहर होने की घोषणा से बिहार के राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। महागठबंधन के भीतर असंतोष और दरार की चर्चाएं तेज हो गई हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह कदम महागठबंधन की “एकजुटता की छवि” को कमजोर कर सकता है।दो दिन पहले JMM के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने छह सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा की थी। इस निर्णय से उत्साहित कार्यकर्ताओं में जोश था, लेकिन अब इस नए फैसले ने उन्हें असमंजस में डाल दिया है।सूत्रों के मुताबिक, JMM को महागठबंधन में तीन सीटें देने की पेशकश की गई थी, लेकिन पार्टी छह से कम पर राजी नहीं हुई। यही बात विवाद का कारण बनी।