Bihar Vidhan Sabha Monsoon Session: बिहार विधानसभा का अंतिम मॉनसून सत्र संपन्न! SIR पर घमासान से लेकर, नीतीश-तेजस्वी के टकराव की हुई चर्चा

Bihar Vidhan Sabha Monsoon Session: बिहार विधानसभा का अंतिम मॉनसून सत्र 25 जुलाई को समाप्त हुआ। जानिए सत्र के भीतर पारित विधेयकों, नीतीश-तेजस्वी बहस, SIR विवाद और आगामी चुनावों की पूरी तस्वीर।

Bihar Vidhan Sabha Monsoon Session
बिहार विधानसभा का मॉनसून सत्र- फोटो : SOCIAL MEDIA

Bihar Vidhan Sabha Monsoon Session: बिहार विधानसभा का मॉनसून सत्र 21 जुलाई से शुरू हुआ 25 जुलाई को समाप्त हो गया। यह न केवल वित्तीय वर्ष 2025-26 के अनुपूरक बजट के प्रस्तुतीकरण का मंच बना, बल्कि वर्तमान नीतीश सरकार के कार्यकाल का अंतिम सत्र भी रहा।

सत्र के दौरान 13 सरकारी विधेयकों को मंजूरी मिली। 546 तारांकित, 64 अतारांकित प्रश्न स्वीकृत हुए। 98 ध्यान आकर्षण सूचनाएं, 140 निवेदन, और 60 याचिकाएं प्रस्तुत की गईं। 111 गैर-सरकारी संकल्पों पर चर्चा हुई। इन आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि यह सत्र कार्यक्षमता के लिहाज से महत्वपूर्ण था, लेकिन राजनीतिक टकराव ने अधिकांश ध्यान खींचा।

वोटर लिस्ट पुनरीक्षण (SIR) बना सत्र का विस्फोटक मुद्दा

सत्र में सबसे विवादास्पद मुद्दा था वोटर लिस्ट पुनरीक्षण अभियान, जिसे 'SIR' के नाम से जाना गया। विपक्ष ने इसे जनगणना की आड़ में समाज विशेष को निशाना बनाने की साजिश बताया और इसे रोकने की मांग की। सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच इस मुद्दे पर सदन के भीतर और बाहर जबरदस्त टकराव हुआ। कई बार स्थिति हाथापाई तक पहुंच गई। अंतिम दिन महागठबंधन के विधायकों ने काले कपड़े पहनकर विरोध प्रदर्शन किया, वहीं जेडीयू और बीजेपी के विधायक हेलमेट पहनकर सदन पहुंचे — यह इशारा था कि "जंगलराज" लौट आया है।

नीतीश बनाम तेजस्वी अंतिम सत्र में तीखी बहस

सत्र का सबसे नाटकीय क्षण तब आया जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच तीखी बहस हुई। दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर निजी हमले किए और प्रदेश की कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार, और शासन के मॉडल को लेकर गंभीर आरोप लगाए। नीतीश कुमार ने महागठबंधन पर अराजकता फैलाने और जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया। तेजस्वी यादव ने सरकार को तानाशाही करार देते हुए कहा कि यह सत्ता की अंतिम सांसें हैं।

चुनावी मैदान में उतरने का समय

इस सत्र के साथ 17वीं विधानसभा का अंत हुआ। सदन की कार्यवाही बिहार गीत के साथ अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। अब अक्टूबर-नवंबर 2025 में बिहार विधानसभा चुनाव होंगे। सत्र के अंतिम दिन की हलचल से यह स्पष्ट है कि सभी राजनीतिक दल अब सीधे चुनावी मोड में प्रवेश कर चुके हैं।