Bihar corona case: पटना में फूटा कोरोना बम! 24 घंटे के भीतर मिले 7 कोविड पॉजिटिव मरीज, अलर्ट पर सरकार, पूरे राज्य में होगा ऑक्सीजन मॉकड्रिल
Bihar corona case: बिहार में एक बार फिर कोरोना के मामले बढ़ने लगे हैं। पटना में 7 नए केस सामने आए हैं। एनएमसीएच और निजी लैब में जांच के बाद संक्रमितों की पुष्टि हुई है। जानिए सरकार की तैयारियां।

Bihar corona case: बिहार की राजधानी पटना में कोविड-19 संक्रमण एक बार फिर से लौटता दिख रहा है। बीते 24 घंटे में 7 नए मरीजों में संक्रमण की पुष्टि हुई है, जिनमें से तीन की रिपोर्ट एनएमसीएच (नालंदा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल) में और चार की रिपोर्ट दो निजी लैब से पॉजिटिव पाई गई।खास बात यह है कि संक्रमितों में एनएमसीएच का एक इंटर्न मेडिकल छात्र भी शामिल है, जो अस्पताल में प्रशिक्षु के रूप में कार्यरत था।
सिविल सर्जन कार्यालय से मिली पुष्टि
सिविल सर्जन डॉ. अविनाश कुमार सिंह ने बताया कि शुक्रवार को एनएमसीएच में 26 संदिग्ध मरीजों की जांच की गई, जिनमें तीन संक्रमित पाए गए। इसके अलावा, कंकड़बाग, अगमकुआं और आरपीएस मोड़ क्षेत्र से भी मरीज पॉजिटिव पाए गए हैं। यह स्थिति दर्शाती है कि संक्रमण अब फिर से शहरी क्षेत्रों में फैलने लगा है।
अब तक जिले में 17 कोरोना पॉजिटिव मरीज
एनएमसीएच माइक्रोबायोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. प्रो. संजय कुमार के अनुसार, संक्रमित मरीजों में से एक नेत्र विभाग, दूसरा सर्जरी और तीसरा मेडिसिन विभाग में इलाज के लिए आया था। इन सभी मरीजों को होम आइसोलेशन की सलाह दी गई है।अब तक जिले में एम्स पटना में 5, एनएमसीएच में 6 और अन्य स्रोतों से कुल 17 मरीजों की पुष्टि हो चुकी है।
ऑक्सीजन मॉक ड्रिल: कोविड से निपटने की तैयारी
बढ़ते मामलों के बीच, राज्यभर में ऑक्सीजन आपूर्ति की कार्यक्षमता की जांच के लिए शनिवार को ऑक्सीजन मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। केंद्र सरकार के निर्देशानुसार, सभी राज्यों को अपने पीएसए ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट्स (PSA Plant) और ऑक्सीजन संबंधित संरचना की स्थिति का मूल्यांकन करना है।बिहार स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि इस मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य संभावित कोविड लहर की स्थिति में ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करना है।
स्वास्थ्य संस्थानों की ऑक्सीजन संरचना पर फोकस
सभी सरकारी अस्पतालों में PSA प्लांट की कार्यशीलता की समीक्षा की गई है। इसके तहत ऑक्सीजन सिलिंडर की उपलब्धता और बैकअप सप्लाई की जांच की गई है। साथ ही ऑक्सीजन पाइपलाइन नेटवर्क और ICU बेड की ऑडिटिंग और मेडिकल स्टाफ को इमरजेंसी संचालन की प्रक्रिया में शामिल करने की कवायद तेज हो गई है।