Bihar fish farming news: भीषण गर्मी के शुरुआत में ही मछली पालने वालों के लिए राज्य सरकार ने जारी किए दिशा निर्देश! अगर करना हो दोगुनी कमाई तो जान ले जरूरी बात, वरना हो सकता है बड़ा नुकसान

Bihar fish farming news: मत्स्य विभाग द्वारा जानकारी दी गई है कि मछलियों को ज्यादा-से-ज्यादा नेचुरल खाने पर ही डिपेंड रहने दें। इसके लिए उनका वातावरण साफ रखें।

बिहार में मछली पालने वालों के लिए राज्य सरकार ने निर्देश जार
fish farming- फोटो : freepik

Bihar fish farming news: बिहार में मछली पालने वालों के लिए राज्य सरकार ने निर्देश जारी किया है। उन्होंने प्रदेश के सभी मछली पालने वालों से अप्रैल महीने में विशेष सतर्कता बरतने की अपील की है। मत्स्य पालकों को गर्मी के मौसम की शुरुआती दिनों में तालाबों को साफ-सुथरा रखने की बात कही है। इसकी मदद से मछली का अच्छी तरह से पालन-पोषण किया जा सकता है। पानी को साफ रखने से मछली को सही मात्रा में ऑक्जिन मिल सकती है, जिसकी वजह से उन्हें डेवलप होने में कोई परेशानी नहीं आएगी।

नेचुरल खाने पर ही डिपेंड रहने दें

मत्स्य विभाग द्वारा जानकारी दी गई है कि मछलियों को ज्यादा-से-ज्यादा नेचुरल खाने पर ही डिपेंड रहने दें। इसके लिए उनका वातावरण साफ रखें। पानी की समय-समय पर जांच करें। उसे ज्यादा गंदा न रखें। ऐसे ही निर्देशों का पालन करके मछली पालने वालों को फायदा होगा। गर्मी में पानी की कमी भी हो जाती है। इस बात का भी ध्यान रखें। इसके लिए पानी का सही ढंग से इस्तेमाल करें। उसे साफ रखें, जिससे पानी की बर्बादी न हो, क्योंकि गर्मी में पानी जल्दी खराब हो जाती है। इसकी वजह ये है कि उसकी क्वालिटी में बदलाव आने लगता है। ऐसी स्थिति में उत्पादन बढ़ाने और नुकसान से बचने के लिए पानी की गुणवत्ता, आहार प्रबंधन और रोग नियंत्रण पर विशेष तौर पर ध्यान देने की जरूरत है।

मछली पालने के लिए सही जगह का चुनाव

मत्स्य विभाग ने कहा है गर्मी के मौसम में मछली पालने के लिए ऐसी जगह का चुनाव करें जो मौसम के अनुकूल रहें। अगर कोई पुराने पोखर या तालाब में मछली रख रहा है तो वो पहले उसकी मरम्मत या सफाई करवा ले। नई तालाब का निर्माण करें ताकि वो मछली पालन का काम सही से जारी रख सके। इसके अलावा हैचरी में ग्रास कार्प मछली के बीज उत्पादन की प्रक्रिया पर ध्यान दें। अगर तालाब में किसी प्रकार का संक्रमण हो तो उसे ठीक करने के लिए दवाइयों का छिड़काव करें। गर्मी के मौसम में पानी का लेवल कम से कम 1.5 रखें। इसके लिए उचित प्रबंध करें। जैसे मोटर की मदद से कम पानी वाली तालाबों में पानी का भराव करें। प्लैंक्टन नेट की मदद से नर्सरी तालाब और संचय/रियरिंग तालाब के पानी में प्राकृतिक भोजन की उपलब्धता की जांच करें। ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाने के लिए सुबह और शाम 2-4 घंटे तक एरेटर या एयर ब्लोअर का उपयोग करें।

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