CM Nitish kumar: विधानसभा चुनाव के पहले नीतीश का बड़ा ऐलान! इस खास योजना से 20 रुपये में भरपेट देंगे खाना, जानें कहां मिलेगा इसका फायदा

CM Nitish kumar: बिहार सरकार ने ‘दीदी की रसोई’ योजना के तहत अब सरकारी कार्यालयों और अस्पतालों में मात्र ₹20 में गरम और संतुलित भोजन देने का ऐलान किया है।

CM Nitish kumar:
नीतीश कुमार भोजन योजना- फोटो : social media

CM Nitish kumar: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ‘दीदी की रसोई’ योजना को लेकर एक ऐसा ऐलान किया है जो राज्य में लाखों जरूरतमंद लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगा। पहले यह योजना केवल कुछ अस्पतालों तक सीमित थी, लेकिन अब इसे समाहरणालय, अनुमंडल, प्रखंड और अंचल कार्यालयों तक विस्तारित किया जा रहा है। इसका सीधा लाभ उन लोगों को मिलेगा जो सरकारी कार्यों के लिए दूर-दराज़ से शहरों का रुख करते हैं।

योजना का संचालन बिहार ग्रामीण आजीविका संवर्धन सोसाइटी (BRLPS) द्वारा किया जाता है जिसे 'जीविका' के नाम से जाना जाता है। यह संस्था महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से कैंटीन और भोजन केंद्रों का संचालन करती है। राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि प्रत्येक थाली पर होने वाले ₹20 के नुकसान की पूर्ति जीविका को दी जाएगी ताकि गुणवत्ता में कोई कमी न आए।

मात्र ₹20 में गरम, पौष्टिक और संतुलित भोजन: समाज के कमजोर वर्गों के लिए वरदान

अब तक दीदी की रसोई के अंतर्गत भोजन की कीमत ₹40 प्रति थाली थी। लेकिन इस नई व्यवस्था में इसे आधा कर मात्र ₹20 किया गया है। इससे न केवल आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को राहत मिलेगी, बल्कि उन्हें गरम, शुद्ध और संतुलित भोजन भी मिलेगा। खासकर सरकारी अस्पतालों में आने वाले मरीजों और उनके परिजनों के लिए यह सुविधा बेहद सहायक सिद्ध होगी।मुख्यमंत्री ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से बताया कि भोजन की वास्तविक लागत ₹40 है। इसलिए प्रति थाली ₹20 का अनुदान जीविका को राज्य सरकार द्वारा दिया जाएगा, जिससे गुणवत्ता में कोई समझौता न हो।

महिला सशक्तिकरण को मिलेगा नया बल: जीविका समूह की भूमिका

इस योजना के ज़रिए न केवल भूखे लोगों को भोजन मिलेगा, बल्कि यह राज्य की हजारों महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता की राह भी बनाएगी। जीविका समूहों के माध्यम से महिलाओं को कैंटीन संचालन, खाद्य प्रबंधन और आर्थिक प्रशासन का सीधा अनुभव मिलेगा।

इस पहल से महिला सशक्तिकरण को मजबूती मिलेगी और समाज में उनकी भूमिका और भी अधिक प्रासंगिक बनेगी। साथ ही स्थानीय स्तर पर रोज़गार के नए अवसर भी पैदा होंगे जिससे राज्य के ग्रामीण इलाकों की अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।