Bihar Govt School: बिहार शिक्षा विभाग का बड़ा फैसला! डॉ एस सिद्धार्थ के आदेशानुसार सभी सरकारी विद्यालयों में छात्र-छात्राओं बायोमेट्रिक तरीके के लगेगी हाजिरी
Bihar Govt School: बिहार के सभी सरकारी स्कूलों में छात्रों की बायोमेट्रिक हाजिरी अनिवार्य होगी। शिक्षा विभाग करियर गाइडेंस, मासिक पत्रिका और शिक्षक नवाचार जैसे कई बड़े बदलावों की शुरुआत कर रहा है।

Bihar Govt School: बिहार के शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए छात्रों की उपस्थिति को ट्रैक करने के लिए बायोमेट्रिक हाजिरी प्रणाली लागू करने का निर्णय लिया है। अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ के अनुसार, इस व्यवस्था से छात्रों की नियमित कक्षा उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी, जिससे उनके शैक्षणिक प्रदर्शन में सुधार की उम्मीद है।
अब तक शिक्षकों की हाजिरी ई-शिक्षा कोष पोर्टल के माध्यम से बायोमेट्रिक तरीके से दर्ज की जाती रही है, लेकिन अब इसी व्यवस्था को छात्रों पर भी लागू किया जाएगा। बायोमेट्रिक हाजिरी से अनुशासन, पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी।
हर जिले में बनेगा आवासीय करियर सेंटर, प्रतियोगी परीक्षा की होगी तैयारी
डॉ. सिद्धार्थ ने "शिक्षा की बात" लाइव कार्यक्रम में बताया कि सभी प्रखंडों में आवासीय करियर सेंटर की स्थापना की जाएगी, जहां सरकारी स्कूलों के शिक्षक छात्र-छात्राओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराएंगे। इन करियर सेंटरों का उद्देश्य शिक्षा को केवल किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं रखना, बल्कि छात्रों को प्रतिस्पर्धात्मक दुनिया के लिए तैयार करना है।यह पहल सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्रों के लिए वरदान साबित हो सकती है, जो महंगी कोचिंग नहीं ले सकते।
सरकारी विद्यालयों में छात्रों की रचनात्मकता बढ़ाने के लिए आएगी मासिक पत्रिका
छात्रों की सृजनात्मकता, भाषा कौशल और सामान्य ज्ञान बढ़ाने के लिए प्रथम से 12वीं तक की कक्षाओं के लिए शिक्षा विभाग मासिक पत्रिका प्रकाशित करेगा। यह पत्रिका तीन स्तरों पर तैयार की जाएगी:
सरकारी विद्यालयों में पत्रिका वर्गीकरण
सरकारी विद्यालयों में कक्षा 1 से 5 के लिए एक प्रारंभिक स्तर की पत्रिका उपलब्ध करवाई जाएगी। कक्षा 6 से 8 के लिए मध्य स्तर की पत्रिका और कक्षा 9 से 12 के लिए उन्नत स्तर की पत्रिका, जिसमें करियर गाइडेंस भी शामिल होगा।हर विद्यालय की लाइब्रेरी में यह पत्रिका नियमित रूप से उपलब्ध रहेगी और छात्र-छात्राएं उसे पढ़कर अपने ज्ञान का विस्तार कर सकेंगे। शिक्षक भी इस सामग्री का उपयोग कक्षा शिक्षण में करेंगे।
सरकारी शिक्षक कोचिंग संस्थानों में पढ़ाते मिले तो होगी सख्त कार्रवाई
डॉ. एस. सिद्धार्थ ने यह स्पष्ट किया कि कोई भी सरकारी शिक्षक निजी कोचिंग संस्थानों में पढ़ाते हुए पाए गए तो उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। शिक्षा विभाग इस नियम को लागू कर सरकारी शिक्षकों की समर्पण भावना और प्राथमिकता को सुनिश्चित करना चाहता है।विभाग का उद्देश्य है कि प्रत्येक विद्यालय में हर विषय के लिए पर्याप्त शिक्षक हों, और यदि किसी विद्यालय में किसी विषय का शिक्षक न हो, तो पड़ोसी विद्यालय से शिक्षक भेजे जाएंगे।
स्कूलों में नवाचार और खोज को मिलेगा बढ़ावा
राज्य सरकार ने छात्रों की नवोन्मेष (Innovation) और आविष्कार (Invention) में रुचि को बढ़ावा देने के लिए प्रेरक वातावरण तैयार करने की योजना बनाई है। इसके अंतर्गत सभी स्कूलों को एटलस (Atlas) उपलब्ध कराया जाएगा ताकि भूगोल और मैप स्टडी में रुचि बढ़ाई जा सके। विज्ञान, गणित और सामान्य ज्ञान में रुचि रखने वाले छात्रों को विशेष प्रोजेक्ट में भाग लेने का अवसर मिलेगा। चयनित छात्र-छात्राओं को राज्य स्तर पर प्रोत्साहन दिया जाएगा।
पंजीकरण से लेकर परीक्षा तक बनेगा शैक्षणिक कैलेंडर
शिक्षा विभाग और बिहार विद्यालय परीक्षा समिति अब साथ मिलकर एक ऐसा विस्तृत शैक्षणिक कैलेंडर तैयार करेंगे जिसमें छात्रों के पंजीकरण,सेटअप परीक्षा और अन्य शैक्षणिक गतिविधियों की तिथियां पहले से तय होंगी।इस पहल का उद्देश्य है कि पढ़ाई में किसी प्रकार का व्यवधान न आए और हर विद्यालय को एक स्पष्ट दिशा-निर्देश प्राप्त हो।