Bihar Jamin Registry: बिहार के रजिस्ट्री ऑफिस में जमीन की खरीद-बिक्री अब होगी पेपरलेस! 10 जिलों से शुरुआत, जल्द पूरे राज्य में होगा विस्तार, जानें फैसले के पीछे की वजह

बिहार में जमीन की खरीद-बिक्री अब पेपरलेस होगी। पहले चरण में 10 रजिस्ट्री ऑफिस में डिजिटल प्रणाली शुरू की गई है। जानिए इस नई व्यवस्था से लोगों और कर्मचारियों को क्या फायदे होंगे।

Bihar Jamin Registry
Bihar Jamin Registry- फोटो : AI GENERATED

Bihar Jamin Registry: बिहार में जमीन की रजिस्ट्री कराने वालों के लिए बड़ी खबर है। अब बिहार में जमीन की खरीद-बिक्री प्रक्रिया जल्द ही पूरी तरह से पेपरलेस हो जाएगी। इसकी शुरुआत राज्य के 10 रजिस्ट्री कार्यालयों से की गई है, जिसमें आरा, शेखपुरा, जहानाबाद, और पटना, सारण, वैशाली, रोहतास, मोतिहारी के सात मुफस्सिल रजिस्ट्रेशन ऑफिस शामिल हैं।

उप निबंधन महानिरीक्षक सुशील कुमार सुमन ने इस नई डिजिटल व्यवस्था को लेकर आदेश जारी कर दिया है। उनका लक्ष्य है कि अगले 1-2 महीनों में राज्य के सभी 137 रजिस्ट्री कार्यालयों में पेपरलेस रजिस्ट्री को लागू कर दिया जाए।

इस नई प्रणाली में तीन प्रमुख बदलाव देखने को मिलेंगे –

पेपरलेस रजिस्ट्रेशन

आधार प्रमाणीकरण

वर्चुअल रजिस्ट्रेशन

इससे पक्षकार अब अपने घर या कहीं से भी ऑनलाइन डीड तैयार कर सकेंगे, और स्टांप ड्यूटी व रजिस्ट्री शुल्क का भुगतान भी डिजिटल माध्यम से हो सकेगा। यह प्रणाली न केवल फर्जीवाड़े की आशंका को घटाएगी, बल्कि जनता को रजिस्ट्री कार्यालय के चक्कर लगाने से भी मुक्ति दिलाएगी।

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क्या कातिब और स्टांप वेंडर होंगे बेरोजगार?

इस सवाल का जवाब है — नहीं। राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि कातिब और स्टांप वेंडर बेरोजगार नहीं होंगे। उन्हें ऑनलाइन लॉग इन की सुविधा दी जा रही है, जिससे वे पहले की तरह कार्य करते रहेंगे। बस फर्क इतना होगा कि अब वे डीड को ऑनलाइन फॉर्मेट में तैयार करेंगे।

जनता को क्या लाभ मिलेगा?

अब जमीन की रजिस्ट्री प्रक्रिया पहले से कहीं अधिक सुविधाजनक, पारदर्शी और त्वरित हो जाएगी। लोगों को रजिस्ट्री कार्यालय के बार-बार चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। अब वे अपने स्मार्टफोन या कंप्यूटर से ही पूरी प्रक्रिया को पूरा कर सकेंगे।

कर्मचारियों के लिए तकनीकी चुनौती

जहां जनता को यह नई व्यवस्था राहत देगी, वहीं कार्यालयों के कर्मचारियों के लिए यह तकनीकी बदलाव चुनौतीपूर्ण हो सकता है। ई-निबंधन से लेकर वर्चुअल रजिस्ट्री तक, अब उन्हें कलम की जगह माउस और कीबोर्ड से काम करना होगा। प्रशिक्षण और सॉफ्टवेयर ज्ञान को लेकर प्रशासन को भी सजग रहना होगा।

इन 10 कार्यालयों में शुरू हुई पेपरलेस रजिस्ट्री:

जिला निबंधन कार्यालय

आरा

शेखपुरा

जहानाबाद

मुफस्सिल कार्यालय

पटना (फतुहा, संपतचक, बाढ़)

सारण (सोनपुर)

वैशाली (पातेपुर)

रोहतास (डेहरी)

मोतिहारी (केसरिया)

इस पहल को बिहार में डिजिटल गवर्नेंस की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है। यदि यह प्रयोग सफल होता है, तो अन्य राज्यों के लिए भी यह एक मॉडल सिस्टम बन सकता है।