Bihar Land Survey: बिहार में चल रहे भूमि सर्वेक्षण को एक बार फिर रुक गया है। रैयतदार अब तय तारिख तक सर्वे के लिए ऑनलाइन दस्तावेज जमा नहीं करा सकेंगे। दरअसल, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा संचालित भूमि सर्वेक्षण की प्रक्रिया 21 फरवरी तक अस्थायी रूप से बाधित हो गई है। ऑनलाइन दस्तावेज और वंशावली जमा करने की सुविधा फिलहाल बंद कर दी गई है, जिसका प्रमुख कारण सर्वर में आई तकनीकी समस्या है।
ऑफलाइन व्यवस्था लागू
इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए, भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय ने आम लोगों की सुविधा के लिए दस्तावेज जमा करने की ऑफलाइन व्यवस्था लागू की है। अब लोग स्वघोषणा-पत्र भरकर संबंधित अंचल कार्यालय परिसर में स्थापित शिविरों में जमा कर सकते हैं। 22 फरवरी से ऑनलाइन दस्तावेज जमा करने की प्रक्रिया पुनः पूर्ववत शुरू कर दी जाएगी। इस संबंध में निदेशालय द्वारा एक एडवाइजरी जारी की गई है और सर्वे निदेशालय की वेबसाइट पर भी सूचना उपलब्ध कराई गई है।
अलग-अलग सर्वर की व्यवस्था
निदेशालय राज्य के सभी 9 प्रमंडलों के लिए अलग-अलग सर्वर की व्यवस्था कर रहा है। इस प्रक्रिया के तहत भागलपुर, पूर्णिया और मुंगेर प्रमंडलों का सर्वर पहले ही अलग कर दिया गया है, जबकि शेष 6 प्रमंडलों का सर्वर विभाजित करने का कार्य जारी है। इसी कारण से ऑनलाइन दस्तावेज जमा करने में दिक्कत आ रही है। इससे पहले भी पिछले महीने सर्वर में समस्या उत्पन्न हुई थी, जिससे 20-25 दिनों तक ऑनलाइन दस्तावेज जमा करने की प्रक्रिया बाधित रही थी। इसी को देखते हुए विभाग ने सभी प्रमंडलों के लिए अलग-अलग सर्वर स्थापित करने का निर्णय लिया था, जिसकी प्रक्रिया अभी भी जारी है। हालांकि, बीच में ऑनलाइन सुविधा बहाल कर दी गई थी, लेकिन अब पुनः समस्या आने के कारण इसे अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।
मार्च तक स्वघोषणा की समयसीमा
बिहार में इस वर्ष मार्च तक स्वघोषणा के माध्यम से भूमि दस्तावेज जमा करने की अंतिम समयसीमा तय की गई है। इस प्रक्रिया में अब तक 78 लाख रैयतों ने अपनी स्वघोषणा समर्पित कर दी है। जैसे ही सर्वर की समस्या दूर होगी, इस कार्य में और तेजी आने की संभावना है। वहीं, विभागीय अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने इस प्रक्रिया को क्रमबद्ध रूप से फरवरी के अंतिम सप्ताह से शुरू करने का निर्देश दिया है।
भूमि सर्वेक्षण की समीक्षा
भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय ने शुक्रवार को द्वितीय चरण के 18 जिलों में भूमि सर्वेक्षण कार्यों की समीक्षा की। इस दौरान बंदोबस्त पदाधिकारियों से जिलावार विशेष सर्वेक्षण नक्शों की उपलब्धता की जानकारी ली गई। समीक्षा में यह पाया गया कि अधिकांश जिलों में सभी मौजों के नक्शे उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। इस संबंध में सभी एजेंसियों को 15 फरवरी तक विशेष सर्वेक्षण के नक्शे उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। साथ ही, सभी पदाधिकारियों को नक्शों की जांच सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।