बिहार खनन विभाग में अब अपर निदेशक से लेकर SP-DSP तक के होंगे पद, अवैध खनन पर अब लगेगा 'फुल स्टॉप' जानें पूरी खबर
बिहार सरकार ने अवैध खनन रोकने और छापेमारी के दौरान अधिकारियों पर होने वाले हमलों को गंभीरता से लेते हुए खान एवं भूतत्व निदेशालय का पुनर्गठन कर दिया है। अब इसे दो नए हिस्सों— खान निदेशालय और अन्वेषण निदेशालय में बांट दिया गया है।
Patna - बिहार सरकार ने राज्य में अवैध खनन पर प्रभावी रोक लगाने और विभागीय कामकाज को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से एक बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया है। सरकार ने खान एवं भूतत्व निदेशालय का पुनर्गठन करते हुए इसे दो स्वतंत्र निदेशालयों में बांट दिया है। अब विभाग का कामकाज 'खान निदेशालय' और 'अन्वेषण निदेशालय' के माध्यम से संचालित होगा। सरकार ने इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी कर दिया है, जिससे माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई में तेजी आने की उम्मीद है।
दो नए निदेशालय और उप-निदेशालयों का गठन
नई व्यवस्था के तहत खान निदेशालय के अंतर्गत दो महत्वपूर्ण उप-निदेशालयों का भी गठन किया गया है। इन्हें 'खनन उप-निदेशालय' और 'सुरक्षा उप-निदेशालय' नाम दिया गया है। विभाग के इस विकेंद्रीकरण का मुख्य उद्देश्य कार्यप्रणाली में स्पष्टता लाना है। जहाँ एक तरफ खान निदेशालय खनन पट्टों और राजस्व से जुड़े मामले देखेगा, वहीं अन्वेषण निदेशालय का पूरा फोकस नए खनिज भंडारों की खोज और सर्वेक्षण पर रहेगा।
सुरक्षा विंग: अब निडर होकर काम कर सकेंगे अधिकारी
अक्सर देखा गया है कि छापेमारी के दौरान खनन विभाग के अधिकारियों और कर्मियों पर माफियाओं द्वारा हमले किए जाते हैं। इसी समस्या के समाधान के लिए 'सुरक्षा उप-निदेशालय' बनाया गया है। इस विंग का मुख्य काम खनन पट्टों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई के दौरान पदाधिकारियों को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराना होगा। इससे अधिकारी बिना किसी भय के अपनी ड्यूटी निभा सकेंगे।
पुलिस अधीक्षक और उपाधीक्षक के पदों का सृजन
नई सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए सरकार ने विभाग के भीतर ही पुलिस अधिकारियों की तैनाती का रास्ता साफ कर दिया है। मुख्यालय स्तर पर सुरक्षा उप-निदेशालय में पुलिस अधीक्षक (SP) और पुलिस उपाधीक्षक (DSP) के एक-एक पद का सृजन किया गया है। इसके अलावा, इस विंग में अपर निदेशक, उप निदेशक, विभिन्न स्तरों पर खनिज विकास पदाधिकारी और 9 खान निरीक्षकों के पद भी बनाए गए हैं, जो सीधे तौर पर प्रवर्तन (Enforcement) का काम देखेंगे।
अन्वेषण और तकनीकी पदों पर भी होगी बहाली
सरकार ने केवल सुरक्षा ही नहीं, बल्कि तकनीकी क्षमता बढ़ाने पर भी जोर दिया है। अन्वेषण निदेशालय के लिए भी कई नए पद सृजित किए गए हैं। इनमें निदेशक अन्वेषण और उप निदेशक अन्वेषण के एक-एक पद के अलावा सहायक निदेशक के दो पद शामिल हैं। जमीनी स्तर पर खनिजों की खोज के लिए 4 वरीय भू-वैज्ञानिक और 10 भू-वैज्ञानिकों के पदों को भी मंजूरी दी गई है, जिससे राज्य में खनिज अन्वेषण कार्यों को नई गति मिलेगी।