Mokama elections: मोकामा से पटना तक जश्न का माहौल, अनंत सिंह के आवास पर 50 हजार लोगों के लिए भोज की तैयारी
Mokama elections: मोकामा की गलियों, चौक-चौराहों और बाजारों में चर्चा सिर्फ इसी प्रतिष्ठा की लड़ाई की है। इस सीट पर हुए जबरदस्त मतदान ने टकराव के अंदाज़े को और बढ़ा दिया है।
Mokama elections: Bihar Assembly Election 2025 के नतीजे भले 14 नवंबर को आने वाले हों, लेकिन मोकामा से लेकर पटना तक जदयू प्रत्याशी अनंत सिंह के समर्थक पहले ही जीत के जश्न में डूबे नजर आ रहे हैं। राजधानी पटना स्थित माल रोड पर उनके सरकारी आवास को रंगीन लाइटों और फूलों की झालरों से सजाया गया है। ढोल-नगाड़ों की आवाज और पकवानों की खुशबू ने माहौल को चुनावी उल्लास से भर दिया है।
अनंत सिंह के आवास पर भव्य भोज की तैयारी
पटना में स्थित आवास पर Mokama Election Result आने से पहले ही बड़े पैमाने पर भोज की तैयारियां चल रही हैं। समर्थकों के अनुसार करीब 50 हजार लोगों के लिए पूड़ी, सब्जी, मिठाई और विभिन्न पकवानों का इंतजाम किया गया है। सुबह से ही बड़े-बड़े बर्तनों में खाना पक रहा है और मिठाई की दुकानों से रसगुल्ले, लड्डू और जलेबी मंगाई जा रही हैं। पूरे परिसर को उत्सव स्थल की तरह सजाया गया है, जो यह संकेत दे रहा है कि समर्थक जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं।
मोकामा सीट पर साख की जंग
मोकामा विधानसभा सीट इस बार बिहार की सबसे चर्चित सीटों में से एक है। यहां मुकाबला जदयू के बाहुबली नेता अनंत सिंह और राजद प्रत्याशी वीणा देवी के बीच हो रहा है। वीणा देवी पूर्व सांसद सूरजभान सिंह की पत्नी हैं, जिनकी राजनीतिक पकड़ इस इलाके में मजबूत मानी जाती है।हाल ही में दुलारचंद यादव हत्याकांड ने इस सीट को और चर्चित बना दिया है। अनंत सिंह न्यायिक हिरासत में होने के बावजूद उनके समर्थकों का जोश कम नहीं हुआ है। मोकामा की गलियों से लेकर चौक-चौराहों तक हर जगह एक ही चर्चा है — “कौन जीतेगा मोकामा?”
भारी मतदान के बाद और बढ़ा चुनावी रोमांच
मोकामा में हुए मतदान ने इस चुनावी मुकाबले को और रोचक बना दिया है। विश्लेषकों का कहना है कि यह केवल एक विधानसभा सीट की लड़ाई नहीं, बल्कि दो प्रभावशाली नेताओं की प्रतिष्ठा का संघर्ष है। स्थानीय जनता का कहना है कि इस बार मतदान प्रतिशत बढ़ा है, और इससे परिणामों में बड़ा उलटफेर देखने को मिल सकता है। मोकामा का यह मुकाबला अब पूरे बिहार की राजनीतिक बहस का केंद्र बन चुका है।
समर्थकों में पहले से ही उत्सव का माहौल
जैसे-जैसे मतगणना का दिन नजदीक आ रहा है, अनंत सिंह के समर्थक पटना और मोकामा दोनों जगहों पर लगातार तैयारियां कर रहे हैं। बैंड-बाजे, मिठाइयों की खुशबू और पटाखों की गूंज ने माहौल को जश्न में बदल दिया है। वहीं, राजद प्रत्याशी वीणा देवी के समर्थक भी अपने स्तर पर प्रचार और उत्सव की तैयारी में जुटे हैं। हर नुक्कड़ पर लोग टीवी चैनलों पर निगाहें टिकाए हुए हैं और अपने पसंदीदा उम्मीदवार की जीत की चर्चा कर रहे हैं।
14 नवंबर पर टिकी हैं सबकी निगाहें
अब पूरा बिहार 14 नवंबर का इंतजार कर रहा है, जब यह तय होगा कि मोकामा की सियासत में कौन बाज़ी मारेगा। क्या जदयू के अनंत सिंह अपनी “छोटे सरकार” की पहचान बरकरार रख पाएंगे या राजद की वीणा देवी सत्ता का नया अध्याय लिखेंगी —इसका जवाब मतगणना के बाद ही मिलेगा। फिलहाल माहौल यह बता रहा है कि मोकामा की लड़ाई सिर्फ एक सीट की नहीं, बल्कि प्रतिष्ठा की भी है।