Patna Highcourt - दूसरी शादी कर चुके पिता को नाबालिग बेटी की कस्टडी देने से हाईकोर्ट ने किया इनकार, कहा - आप प्राकृतिक अभिभावक, लेकिन...
Patna Highcourt - पत्नी की मौत के बाद दूसरी शादी कर चुके पिता को हाईकोर्ट ने उसकी पहली पत्नी की बेटी की कस्टडी देने से मना कर दिया। कोर्ट ने कहा कि बच्ची के नाना नानी अच्छे से देखभाल कर रहे हैं।

Patna - पटना हाईकोर्ट ने नाबालिग लड़की को पिता को कस्टडी में देने की जगह नाना नानी के साथ रहने की अनुमति देते स्पष्ट किया कि भावनात्मक सम्बन्ध तोड़ने का कोई आधार नहीं है। जस्टिस पी बी बजानथ्री की खंडपीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए ये भी कहा कि उसके पिता को अपनी नाबालिग लड़की के कानूनी अभिभावक के रूप में अयोग्य नहीं ठहराया गया है।
कोर्ट ने पिता द्वारा अपनी नाबालिग बेटी की कस्टडी के लिए दायर अपील को ख़ारिज कर दिया,लेकिन कोर्ट ने कहा कि पिता प्राकृतिक अभिभावक के योग्य है।कोर्ट ने कहा कि बच्ची का पिता प्राकृतिक अभिभावक है,लेकिन बच्ची अपनी माँ की मृत्यु के पहले से ही अपने नाना नानी के साथ रहती आयी है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि बच्ची को अपने नाना नानी के साथ जो भावनात्मक सम्बन्ध और सुरक्षा मिली है, उसमें व्यवधान डालने की कोई आवश्यकता नही है।
हालांकि कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि अपीलकर्ता अपनी नाबालिग लड़की के कानूनी अभिभावक के रूप योग्य है।लेकिन कोर्ट ने कहा कि बच्ची अपने नाना नानी से भावनात्मक लगाव रखती है। साथ ही नाना नानी भी उस बच्ची को बहुत प्यार और स्नेह से पालते है,जिसे लड़की ने भी स्वीकार किया।
गर्भवती पत्नी की हुई थी हादसे में मौत
अपीलकर्ता व प्रतिवादियों की बेटी की शादी 2013 में हुई। 2015 में एक बेटी का जन्म हुआ। 2016 में मृतका पुनः गर्भवती हुई।सही देख भाल के लिए वह अपने माता पिता के घर आ गयी। वहीं एक दुर्घटना में उसकी मृत्यु हो गयी। उसकी बाद वह बच्ची अपने नाना नानी के साथ रहने लगी।
बेटी से नहीं मिलने दिया
अपीलकर्ता ने दूसरी शादी 2017 में कर ली। इसके बाद वह अपनी बेटी से मिलने मुजफ्फरपुर गया, लेकिन उन्हें मिलने नही दिया गया। इस पर अपीलकर्ता ने बेटी की कस्टडी के लिए कोर्ट में याचिका दायर की,लेकिन उन्हें कोर्ट ने कोई राहत नहीं दी।