Bihar police: ADG कुंदन कृष्णन ने बिहार में अवैध हथियार पर रोक लगाने के लिए बनाया स्पेशल प्लान! पकड़े जाने पर होगी सख्त कार्रवाई

Bihar police:बिहार में पुलिस ने अवैध कारतूस की आपूर्ति को रोकने के लिए लाइसेंसी हथियारों की सख्त जांच शुरू कर दी है। NDAL-ALIS कोड जरूरी किया गया है और गोली की खरीद पर नई पाबंदियां लगाई गई हैं।

Bihar police
बिहार में अवैध हथियारों पर लगेगी लगाम- फोटो : SOCIAL MEDIA

Bihar police: पुलिस मुख्यालय ने राज्य में लाइसेंसी हथियार रखने वालों की संख्या को लेकर बड़ी जानकारी दी है। NDAL-ALIS (नेशनल डाटाबेस ऑफ आर्म्स लाइसेंस इश्यूएंस सिस्टम) के तहत लगभग 80,000 लाइसेंसधारकों का सत्यापन किया जाएगा। सत्यापन की प्रक्रिया में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि लाइसेंसधारी हथियार चलाने के योग्य हैं या नहीं।अधिक उम्र या अनुपयोगी अवस्था में लाइसेंस रद्द किए जाएं। जिन हथियारों के पास NDAL-ALIS कोड नहीं होगा, उन्हें अवैध माना जाएगा। यह कदम राज्य में अवैध हथियारों की आपूर्ति और प्रयोग को रोकने की दिशा में एक बड़ा सुधारात्मक प्रयास है।

NDAL कोड के बिना हथियार अवैध: लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया तेज़

ADG (मुख्यालय) कुंदन कृष्ण ने जानकारी दी कि राज्य सरकार द्वारा पूर्वोत्तर राज्यों और जम्मू-कश्मीर से जारी लाइसेंसों को पहले ही अमान्य घोषित कर दिया गया है। अब NDAL कोड के बिना कोई भी हथियार वैध नहीं माना जाएगा। इसके साथ ही NDAL कोड न होने पर हथियार को कानून के तहत जब्त किया जाएगा। NDAL डेटाबेस में हर लाइसेंस की एंट्री अनिवार्य की गई है।NDAL कोड के ज़रिए हर हथियार का ट्रैकिंग और सत्यापन संभव हो सकेगा।

गोलियों की खरीद पर पाबंदी: हर साल सिर्फ 85 राउंड, एक बार में 25 तक

पुलिस अब लाइसेंसधारकों के लिए गोली की खरीद पर भी नई सीमा लागू कर रही है। पहले जहां सालाना 200 राउंड तक गोली खरीदने की अनुमति थी, अब इसे घटाकर 85 कर दिया गया है।एक बार में अधिकतम 25 राउंड ही खरीदे जा सकेंगे।नई खरीद से पहले पुराने कारतूस का खोखा (Spent Shell) जमा करना अनिवार्य।लगातार अधिक संख्या में गोली उठाने वालों की होगी निगरानी।इस पाबंदी का मकसद है कि कारतूस की ब्लैक मार्केट में बिक्री और अपराधियों तक पहुँच को रोका जा सके।

लाइसेंसी दुकानों पर कड़ी नजर: रजिस्टर और बिक्री की होगी गहन जांच

प्रदेश में कुल 85 लाइसेंसी आर्म्स डीलर हैं, जिनकी अब गहन जांच होगी। किस तारीख में कितने कारतूस और हथियारों की बिक्री हुई इसकी जांच होगी। किस लाइसेंस पर कितनी गोलियां दी गईं।रजिस्टर और रिकॉर्ड के आधार पर किसी भी असामान्यता को ट्रेस किया जाएगा। कई बार देखा गया है कि कुछ लोग लाइसेंस की आड़ में बार-बार गोलियां खरीदते हैं और उन्हें काले बाजार में बेच देते हैं। यह अवैध कारतूस की आपूर्ति श्रृंखला का बड़ा स्रोत बनता है।