Bihar Police: आम लोगों के लिए बिहार पुलिस की बड़ी तैयारी, अब नहीं लगाने होंगे थानों के चक्कर, एक क्लिक पर मिलेंगी ये 15 सेवाएं
Bihar Police: बिहार पुलिस ने आम लोगों की सुविधा के लिए बड़ी तैयारी की है। जिसके बाद अब आम लोगों को थाने की चक्कर नहीं काटनी होगी। उन्हें घर बैठे ही सारी सुविधाएं मिल जाएंगी।

Bihar Police: बिहार के लोगों के लिए बिहार पुलिस ने बड़ी तैयारी की है। दरअसल, बिहार पुलिस नागरिकों की सुविधा के लिए डिजिटल सेवाओं की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है। राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) अमित लोढ़ा ने सोमवार को पुलिस मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि बिहार पुलिस 'नागरिक सेवा पोर्टल' लॉन्च करने की तैयारी में है। यह पोर्टल आगामी 30 दिनों में आम लोगों की सेवा में उपलब्ध होगा।
अब थाने जाने की जरुरत नहीं
एडीजी लोढ़ा ने इसे बिहार पुलिस की तकनीकी क्रांति की ओर महत्वपूर्ण पहल बताया और कहा कि पोर्टल के जरिए अब एफआईआर की कॉपी, किरायेदार, ड्राइवर या घरेलू सहायक का सत्यापन जैसे कामों के लिए थाने जाने की जरूरत नहीं होगी।
15 सेवाएं एक क्लिक पर
'नागरिक सेवा पोर्टल' पर कुल 15 प्रकार की सेवाएं दी जाएंगी, जिन्हें दो भागों – प्री-लॉगिन और पोस्ट-लॉगिन में बांटा गया है। प्री-लॉगिन सेवाएं में एफआईआर की कॉपी प्राप्त करना, गोपनीय सूचना देना, इनाम घोषित अपराधियों की जानकारी हासिल करना एक ही क्लिक में संभव होगा। वहीं पोस्ट-लॉगिन सेवाएं में खोई या गुम संपत्ति की रिपोर्ट, गुमशुदा व्यक्ति की रिपोर्ट, किरायेदार, चालक, घरेलू सहायक का सत्यापन, वरिष्ठ नागरिक पंजीकरण, ई-शिकायत दर्ज करना, अज्ञात व्यक्ति या शव की सूचना, गिरफ्तार या वांछित अपराधियों की जानकारी या गुमशुदा व्यक्ति की पुनः खोज आदि शामिल है।
अनुसंधान को बनाया जा रहा तकनीकी रूप से सक्षम
एडीजी ने बताया कि सीआईडी ने 8661 अन्वेषण पदाधिकारियों को एसएमएस सेवा से जोड़ा है और 4344 मोबाइल व लैपटॉप भी खरीदे गए हैं। इससे जांच प्रक्रिया में तकनीकी दक्षता बढ़ी है। मई 2025 तक पुलिस सुधारों में बिहार का प्रदर्शन 87-99% तक पहुंच गया है, जबकि जनवरी 2023 में यह 42-96% था। इस आधार पर प्रगति डैशबोर्ड में बिहार को राष्ट्रीय स्तर पर 11वां स्थान मिला है।
पुलिस-चिकित्सा समन्वय भी डिजिटल
एडीजी ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के एमएलसी और पोस्टमार्टम मॉड्यूल को 'मेडलीपीआर ऐप' के माध्यम से पुलिस के सीसीटीएनएस सिस्टम से जोड़ा गया है। इससे अब मृत्यु प्रमाणपत्र या गंभीर घटनाओं से जुड़ी मेडिकल रिपोर्ट सीधे पुलिस रिकॉर्ड में अपडेट हो सकेगी। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था जल्द ही नियमित प्रक्रिया का हिस्सा बन जाएगी। जिससे मामलों के निपटारे में पारदर्शिता और गति दोनों बढ़ेगी।