बिहार ने किया कमाल, दवा आपूर्ति में लगातार 11वीं बार हासिल की देश में पहली रैंक, मातृ - मृत्यु दर में गिरावट

बिहार ने दवा आपूर्ति और वितरण के क्षेत्र में लगातार 11वें महीने देशभर में पहला स्थान हासिल किया है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने इसे राज्य सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति प्रतिबद्धता का परिणाम बताया।

 Bihar s number one in medicine supply
Bihar s number one in medicine supply- फोटो : news4nation

Bihar News: बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय ने कहा कि केंद्र सरकार के डीवीडीएमएस (ड्रग्स एंड वैक्सिन डिस्ट्रीब्यूशन मैनेजमेंट सिस्टम) पोर्टल के अनुसार बिहार लगातार 11 वें महीने दवा आपूर्ति और वितरण के क्षेत्र में देश में पहले स्थान पर बना हुआ है। यह राज्य सरकार की स्वास्थ्य सुधार के प्रति प्रतिबद्धता और आमजन को गुणवत्तापूर्ण सेवा उपलब्ध कराने की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। सितंबर 2024 से लगातार अभी तक 11 महीनों में दवा आपूर्ति के क्षेत्र में बिहार का देश में नंबर वन बना रहना सरकार की जनता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दर्षाता है। 


उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को जन-जन तक सुलभ और समय पर पहुंचाने के उद्देश्य से राज्य में निरंतर स्वास्थ्यकर्मियों की नियुक्ति की जा रही है एवं नए अस्पतालों का निर्माण कराया जा रहा है। राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं की नई उपलब्धियां देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं बिहार के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में संभव हो पाई हैं। सरकार की प्राथमिकता हर नागरिक को बेहतर, सुलभ और निःशुल्क स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराना है और इसमें बिहार लगातार नई ऊंचाइयां छू रहा है।


बिहार पहले स्थान पर

पांडेय ने कहा कि डीवीडीएमएस पोर्टल के अनुसार बिहार 82.13 अंकों के साथ पहले स्थान पर है। राजस्थान 78.61 अंकों के साथ दूसरे स्थान पर और पंजाब 73.28 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर है।  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में वर्ष 2005 से राज्य में स्वास्थ्य सुधार की एक नई दिशा की शुरुआत हुई थी। इसी क्रम में 1 जुलाई 2006 को कैबिनेट की मंजूरी के बाद राज्य में मुफ्त दवा वितरण नीति लागू की गई। 2006 में केवल 47 प्रकार की दवाएं उपलब्ध थीं, जबकि वर्तमान में यह संख्या बढ़कर 611 हो चुकी है। इसके अतिरिक्त 20 अन्य प्रकार की दवाएं एवं 132 प्रकार के मेडिकल डिवाइसेज़/कन्ज्यूमेबल भी मुफ्त प्रदान किए जा रहे हैं। अब प्रदेश में अस्पतालों में आने वाले हर मरीज को आवश्यकता अनुसार मुफ्त दवाइयां उपलब्ध कराई जा रही हैं। यह सुनिश्चित किया गया है कि जीवन रक्षक दवाओं से लेकर कैंसर, गठिया, अस्थमा, एलर्जी, रक्त थक्के और एंटी-एलर्जिक जैसी जटिल बीमारियों की दवाएं भी निःशुल्क मिलें। 


मातृ - मृत्यु दर में गिरावट

उन्होंने कहा कि राज्य में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी सराहनीय प्रगति हुई है। वर्ष 2005 में मातृ - मृत्यु दर 365 थी, जो अब घटकर 91 पर आ गई है। शिशु - मृत्यु दर घटकर अब 27 है, जो राष्ट्रीय औसत के बराबर है। वहीं पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर 29 है, जो राष्ट्रीय औसत से भी बेहतर है। नवजात शिशु मृत्यु दर (0-28 दिन) अब 19 है, जो राष्ट्रीय औसत के समकक्ष है। राज्य में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा मिला है और गृह प्रसव की दर में कमी आई है। 


4 करोड़ आयुष्मान कार्ड

इसके अलावा, टीकाकरण का आच्छादन एचएमआईएस आंकड़ों के अनुसार 95 प्रतिशत तक पहुंच चुका है, जो एक बड़ी उपलब्धि है। आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत बिहार ने 4 करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है। इस उपलब्धि के साथ बिहार आयुष्मान कार्ड निर्माण में देश में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। स्वास्थ्य सेवाओं को जन-जन तक सुलभ और समय पर पहुंचाने के उद्देश्य से नए अस्पतालों का निर्माण कराया जा रहा है। इस दिशा में पीएमसीएच का पुनर्विकास कार्य एक मील का पत्थर है।