Bihar News: बिहार में सरकार का सड़क दुर्घटनाओं को रोकने पर जोर! स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल और धार्मिक स्थलों के पास अंडरपास या फुट ओवर ब्रिज का होगा निर्माण
बिहार सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए स्कूल, कॉलेज और हॉस्पिटल के पास अंडरपास और फुट ओवर ब्रिज बनाने का निर्णय लिया है। जानिए कैसे होगी जगहों की पहचान और किस आधार पर होगा निर्माण।

Bihar News: बिहार में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने और आमजन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए परिवहन विभाग ने एक अहम फैसला लिया है। राज्य के सभी जिलों में अब स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल और धार्मिक स्थलों के पास अंडरपास या फुट ओवर ब्रिज (एफओबी) बनाए जाएंगे। यह निर्णय हाल ही में हुई सड़क सुरक्षा की समीक्षा बैठक में लिया गया, जिसमें जिलों से प्राप्त रिपोर्टों में सामने आया कि इन जगहों पर अचानक भीड़ बढ़ने और बेतरतीब सड़क पार करने के कारण दुर्घटनाओं की संभावना अधिक रहती है।
बिहार सरकार का यह कदम न केवल सड़क सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह जनसुविधा, यातायात प्रबंधन और शहरी विकास के लिए भी एक लंबी सोच को दर्शाता है।
अंडरपास या एफओबी का निर्माण
समीक्षा रिपोर्ट के अनुसार, यह देखा गया कि स्कूल के खुलने और छुट्टी के समय, हॉस्पिटल के इमरजेंसी समय या धार्मिक आयोजनों के दौरान, सड़क पार करने की स्थिति अत्यंत खतरनाक बन जाती है। इसलिए अब इन स्थानों को चिन्हित कर वहां स्थायी समाधान के रूप में अंडरपास या एफओबी का निर्माण कराया जाएगा।
दुर्घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं
इस योजना के तहत राज्य के सभी जिलों में विस्तृत सर्वेक्षण कराया जाएगा। स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल और प्रमुख धार्मिक स्थलों के पास दुर्घटनाओं की संभावनाओं की समीक्षा की जाएगी। हाल की बैठक में यह तथ्य भी सामने आया कि धार्मिक स्थलों के आसपास भी दुर्घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, इसलिए उन्हें भी प्राथमिकता सूची में शामिल किया गया है।
सर्वेक्षण कराने का आदेश
परिवहन विभाग ने इस योजना को चरणबद्ध रूप से लागू करने की बात कही है। इसके लिए दुर्घटना संभावित स्थानों को दो श्रेणियों में वर्गीकृत किया जाएगा — गंभीर और अति गंभीर। इसके आधार पर तय किया जाएगा कि किस स्थान पर फुट ओवर ब्रिज (FOB) जरूरी है और कहां अंडरपास (Underpass) से अधिक लाभ होगा। इस वर्गीकरण के लिए विशेष अधिकारियों की टीम बनाकर हर जिले में भौतिक सर्वेक्षण कराने का आदेश भी दिया गया है।
परियोजना की रिपोर्ट दो भागों में बनेगी
परियोजना की रिपोर्ट दो भागों में बनेगी — एक हिस्सा स्थलों की वर्तमान स्थिति, दुर्घटनाओं की संख्या, भीड़ का समय और ट्रैफिक डेटा पर आधारित होगा, जबकि दूसरा हिस्सा तकनीकी व निर्माण संभावनाओं का आकलन करेगा। इसके बाद विशेषज्ञ समिति द्वारा डिजाइन और लागत का निर्धारण कर सड़क सुरक्षा कार्यों को शुरू किया जाएगा।
बिहार सरकार का दुर्घटना रोकने पर ध्यान
बिहार सरकार का यह प्रयास दर्शाता है कि वह अब केवल पोस्ट-एक्सीडेंट प्रतिक्रिया पर नहीं, बल्कि पूर्व-सुरक्षा उपायों और संरचनात्मक सुधारों पर ध्यान दे रही है। इससे पहले सिर्फ स्पीड ब्रेकर या बोर्ड लगाकर सतर्कता दी जाती थी, लेकिन अब यात्री, छात्र और मरीजों की सुरक्षित पारगमन के लिए संरचनात्मक उपाय अपनाए जा रहे हैं।यह कदम विजनरी योजना के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि इसके लागू होने के बाद शहरों और कस्बों में भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में दुर्घटनाएं नियंत्रित की जा सकेंगी। खासतौर पर स्कूल और अस्पताल जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में बच्चों, बुजुर्गों और मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक था, जिसकी पूर्ति अब अंडरपास और एफओबी के माध्यम से हो सकेगी।