Bihar sand Mining: बिहार में आज से बालू खनन पर पूरी तरह रोक, इस दिन तक लागू रहेगा नियम, पकड़े गए तो...
Bihar sand Mining: बिहार में बालू खनन पर चार महीने की पाबंदी, 15 जून से 15 अक्टूबर तक नहीं होगा नदी घाटों से उठाव

Bihar sand Mining: बिहार सरकार ने राज्य के सभी नदी घाटों से बालू खनन पर 15 जून से 15 अक्टूबर 2025 तक पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है। यह पाबंदी हर साल मानसून के दौरान नदियों की पारिस्थितिकी सुरक्षा और अवैध खनन पर नियंत्रण के उद्देश्य से लगाई जाती है। इस दौरान बंदोबस्तधारी भी बालू का खनन नहीं कर सकेंगे। हालांकि, खान एवं भूतत्व विभाग ने दावा किया है कि इस अवधि में भी राज्य में बालू की कमी नहीं होने दी जाएगी। विभाग ने नदी घाटों के आसपास 30 लाख क्यूबिक फीट (सीएफटी) से अधिक बालू का भंडारण पहले से कर लिया है। इसके साथ ही कई स्टॉकिस्टों को बालू भंडारण का लाइसेंस भी दिया गया है। इसके अलावा, जब्त बालू को भी बिक्री के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।
मानसून में कम होती है खपत
विभागीय अधिकारियों के अनुसार, मानसून अवधि में निजी निर्माण कार्यों की गति धीमी पड़ जाती है क्योंकि बड़ी संख्या में मजदूर खेती में लग जाते हैं। ऐसे में बालू की मांग भी कम हो जाती है। हालांकि, सरकारी निर्माण कार्यों को सुचारू रूप से जारी रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में बालू उपलब्ध कराया जाएगा। एक अनुमान के मुताबिक, बिहार में सालाना 50 करोड़ सीएफटी बालू की खपत होती है, लेकिन अवैध खनन के कारण वास्तविक निकासी इससे काफी कम हो जाती है।
बालू परिवहन पर नहीं है रोक
खान एवं भूतत्व विभाग के सचिव देवेश सेहरा ने स्पष्ट किया है कि इस अवधि में केवल खनन पर रोक रहेगी बालू के परिवहन पर नहीं। घाटों के सेकेंडरी लोडिंग प्वाइंट पर पहले से ही पर्याप्त भंडारण किया गया है। जब्त बालू और लाइसेंसधारी स्टॉकिस्टों के पास भी बालू उपलब्ध रहेगा। साथ ही राज्य के बाहरी राज्यों को बालू भेजने पर रोक रहेगी। विशेष रूप से उत्तर प्रदेश की सीमा से सटे कैमूर और झारखंड की सीमा से सटे गया व नवादा जैसे जिलों से बालू की बड़ी मात्रा में आपूर्ति होती रही है, लेकिन अब इन जिलों से दूसरे राज्यों के लिए ई-चालान जारी नहीं किया जाएगा।
बिहार में 161 घाट वर्तमान में चालू
वर्तमान में बिहार में पीला बालू के 457 घाट चिन्हित हैं। जिनमें से 161 घाट चालू हैं। वहीं, 37 घाट सरेंडर किए जा चुके हैं जिनकी दोबारा बंदोबस्ती की प्रक्रिया जारी है। इस पूरे खनन निषेध अवधि में विभाग का आपदा प्रबंधन समूह स्थिति पर नजर रखेगा ताकि किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या अवैध खनन की संभावना को रोका जा सके।