Bihar news - नौ सूत्री मांगों को लेकर विधानसभा के सामने धरने पर बैठा बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ, वेतन विसंगति दूर करने और पुराने पेंशन को लागू करने की मांग पर अड़े

Bihar news - बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने नौ सूत्री मांगों को लेकर बिहार विधान मंडल के सामने विशाल धरना दिया। इस दौरान पूर्व सांसद एवं बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह भी मौजूद रहे।

Bihar news - नौ सूत्री मांगों को लेकर विधानसभा के सामने धरने

Patna  - बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने नौ सूत्री मांगों को लेकर बिहार विधान मंडल के सामने विशाल धरना दिया। इस धरना में पूर्व सांसद एवं बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह, अध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह, विधान परिषद के सदस्य प्रो. संजय कुमार सिंह, डॉ. संजीव कुमार सिंह,  डॉ. मदन मोहन झा, वीरेंद्र नारायण यादव, अशफ़ाक अहमद, सर्वेश कुमार, जीवन कुमार, पूर्व विधान पार्षद डॉ. संजीव श्याम सिंह सहित अनेक नेता मौजूद थे।

बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने शिक्षकों की मांगों को लेकर कहा कि सरकार से हमारी प्रमुख माँगों में विशिष्ट शिक्षकों के लिए  ‛सेवा की निरंतरता और वेतन विसंगति’ है। उन्होंने कहाकि जब डायट के व्याख्याता और प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति में नियोजित शिक्षकों को नियुक्ति तिथि से ही अनुभव के आधार पर पदस्थापन हो रहे हैं तब अन्य सभी कोटि के नियोजित शिक्षकों की सेवा निरंतरता नहीं देना, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है। 

सक्षमता पास और बीपीएससी पास शिक्षकों के वेतन विसंगति दूर करने की मांग

श्री सिंह ने कहा कि जिन शिक्षकों ने सक्षमता परीक्षा में उतीर्णता प्राप्त कर विशिष्ट श्रेणी के शिक्षक तथा बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा में उतीर्ण होकर जो नियोजित शिक्षक अध्यापक श्रेणी में जा चुके हैं, उनके वेतन में पूर्व से हो विसंगतियाँ बदस्तूर जारी है और अभी तक विशिष्ट अथवा अध्यापक कोटि के शिक्षकों का वेतन निर्धारण का कोई विभागीय आदेश पूर्व की सेवा को जोड़ते हुए नियुक्ति तिथि से वेतनादि की सारी सुविधाएँ जो उन्हें देय है, उसके संबंध में कोई स्पष्ट आदेश विभाग द्वारा नहीं निकाला जा सका। इतना ही नहीं, महँगाई भत्ता, आवासीय भत्ता भारत सरकार तथा वित्त विभाग, विहार सरकार के आदेश के वावजूद नयी दर से लागू नहीं होने के कारण सभी कोटि के शिक्षकों को आर्थिक घाटा हो रहा है।

ट्रांसफर से पूरे राज्य में अफरा-तफरी

उन्होंने कहा कि लगभग साल भर से शिक्षकों के ऐच्छिक स्थानानारण के निर्णय के बावजूद पूरे राज्य में अभी तक अफरा-तफरी मची हुई है। प्रधानाध्यापकों के पद‌स्थापन में भी लम्बी दूरी, कई जिले के विकल्प को नजरअंदाज कर असुविधाजनक स्थानों पर पदस्थापन किया जा रहा है। उत्क्रमित विद्यालयों में भवन के साथ-साथ अन्य आंतरिक संरचनाओं का घोर अभाव है। 

श्री सिंह ने बताया कि पुस्तकालयाध्यक्षों के तबादले का मामला लंबित है। सैकड़ों महिला शिक्षिकाओं तथा दिव्यांग एवं असाध्य रोग से ग्रसित शिक्षकों को भी सुविधाजनक विद्यालयों में पदस्थापन नहीं किया जा सका। सक्षमता परीक्षा-3 में सैकड़ों शिक्षकों के द्वारा निर्धारित शुल्क के साथ आवेदन पत्रादि ससमय जमा होने के व्यावजूद शिक्षा विभाग उन्हें परीक्षा के लिए अभी तक प्रवेश पत्र देने में विफल रहा है। बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ऐसे लापरवाह शिक्षा पदाधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनिक कारवाई की माँग करता है।

पुराना पेंशन नीति लागू करने की मांग

देश के कई राज्यों में पुरानी पेंशन नीति लागू हो चुकी है। इसलिए बिहार सरकार को भी पुरानी पेंशन नीति को लागू करने का निर्णय लेना चाहिए। 

विप सदस्य का मिला समर्थन

शिक्षकों की माँगों समर्थन में बिहार विधान परिषद् के माननीय सदस्य प्रो. संजय कुमार सिंह ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ आज पुराने तेवर के साथ फिर से लड़ने के लिए तैयार हुआ है। हम विशिष्ट शिक्षकों की सेवा निरन्तरता के लिए हम लगातार सदन में और सदन से बाहर लड़ रहे हैं।

 डॉ. संजीव कुमार सिंह ने कहा कि पूर्व सेवा के आधार यदि विशिष्ट शिक्षक बनाया गया है तो सेवा निरन्तरता से रोकना नियम विरुद्ध है। राज्यकर्मी के नाम पर शिक्षकों के साथ धोखाधड़ी नहीं हो सकती। डॉ. मदन मोहन झा, वीरेंद्र नारायण यादव, अशफ़ाक अहमद, सर्वेश कुमार, पूर्व विधान पार्षद डॉ. संजीव श्याम सिंह ने धरना कार्यक्रम को संबोधित किया है। धरना की अध्यक्षता बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने किया। इस धरना में संघ के देववंश सिंह, विनय मोहन, मृत्युंजय कुमार, विजय कुमार सिंह, अरुण यादव , प्रवीण कुमार, शशिभूषण दुबे, जितेंद्र कुमार, सुशील कुमार सहित हजारों की संख्या में शिक्षक मौजूद थे।