बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी के अंतर्गत डिजिटल नवाचारों का मुख्य सचिव ने किया शुभारंभ, जानिए क्या क्या फायदा मिलेगा

“बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम, 2011” के अंतर्गत एक नई सुविधा — ऑनलाइन अपील एवं पुनर्विलोकन पोर्टल का शुभारंभ किया गया।

Bihar Strengthens Digital Governance
Bihar Strengthens Digital Governance - फोटो : news4nation

ihar News: बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी (BPSMS) के तत्वावधान में शुक्रवार को राज्य सरकार के मुख्य सचिव द्वारा नागरिक सेवा वितरण को अधिक पारदर्शी, प्रभावी और डिजिटल बनाने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण योजनाओं, पोर्टल एवं मोबाइल ऐप्स का शुभारंभ किया गया। यह कार्यक्रम सचिवालय स्थित सभाकक्ष में आयोजित किया गया, जिसमें अनेक विभागीय पदाधिकारी, तकनीकी विशेषज्ञ और गणमान्य अतिथि उपस्थित थे। इन नवाचारों का उद्देश्य प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाना, नागरिकों की सेवा तक पहुंच को सुगम करना और संविदा कर्मियों के लिए सामाजिक सुरक्षा को सुनिश्चित करना है।


इस अवसर पर “बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम, 2011” के अंतर्गत एक नई सुविधा — ऑनलाइन अपील एवं पुनर्विलोकन पोर्टल का शुभारंभ किया गया। अब नागरिक, सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा दी जा रही सेवाओं में किसी भी प्रकार की देरी या अस्वीकृति की स्थिति में https://rtpsappeal.bihar.gov.in पोर्टल के माध्यम से अपील और पुनर्विलोकन ऑनलाइन दर्ज कर सकेंगे। यह पोर्टल डिजिटल हस्ताक्षर, पेपरलेस प्रक्रिया और डैशबोर्ड आधारित मॉनिटरिंग जैसी आधुनिक तकनीकों से सुसज्जित है। इसका मुख्य उद्देश्य नागरिकों को समयबद्ध सेवाएं सुनिश्चित करना और उन्हें निःशुल्क, पारदर्शी एवं डिजिटल अपील की सुविधा प्रदान करना है।


कार्यक्रम के दौरान बिहार HRMS (Human Resource Management System) का एंड्रॉइड मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया गया, जो अब Google Play Store पर उपलब्ध है। इस ऐप के माध्यम से राज्य के सभी नियमित कर्मचारी अपने लॉगिन से छुट्टी के लिए आवेदन, सेवा से संबंधित दावे, सर्विस बुक की जानकारी एवं उसमें सुधार जैसे कार्य आसानी से कर सकेंगे। ऐप की यह सुविधा कर्मचारियों को कार्यालय के बाहर से भी त्वरित सेवाएं प्राप्त करने में सहायक होगी। iOS वर्जन का विकास प्रगति पर है और शीघ्र ही वह भी उपलब्ध कराया जाएगा।


इसके अतिरिक्त HRMS प्रणाली के दूसरे चरण के मॉड्यूल का भी Go-Live किया गया, जिसमें कर्मचारी स्वयं सेवा, अनुशासनात्मक कार्रवाई, वेतन प्रबंधन, पेंशन और बीमा, प्रशिक्षण, स्थानांतरण, पदोन्नति, प्रदर्शन मूल्यांकन और सेवा समाप्ति जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं को डिजिटाइज़ किया गया है। इन मॉड्यूल्स के लागू होने से राज्य सरकार के मानव संसाधन प्रबंधन में पारदर्शिता, दक्षता और जवाबदेही बढ़ेगी। साथ ही, इनका एक व्यावहारिक उपयोग सुनिश्चित करने के लिए पंजीकरण, ई-सेवा पुस्तिका और स्वयं सेवा से संबंधित तीन मॉड्यूल्स की विस्तृत मार्गदर्शिका का भी विमोचन किया गया।


इस समारोह में एक और महत्वपूर्ण कल्याणकारी पहल के तहत संविदा कर्मियों के लिए समूह स्वास्थ्य बीमा योजना का शुभारंभ हुआ। इस उद्देश्य से बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी और SBI जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड के बीच एक त्रैवार्षिक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। इस योजना के अंतर्गत कुल 3,560 संविदा कर्मियों — जिनमें विभाग, जिला, अनुमंडल एवं प्रखंड स्तर पर कार्यरत 2,850 कार्यपालक सहायक, 608 आईटी सहायक और 102 आईटी प्रबंधक शामिल हैं — को ₹5 लाख तक का कैशलेस स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराया जाएगा। इसका वार्षिक प्रीमियम ₹1.42 करोड़ + GST पूरी तरह से मिशन कार्यालय द्वारा वहन किया जाएगा।


इस स्वास्थ्य बीमा योजना की प्रमुख विशेषताओं में पहले दिन से बीमा कवरेज की सुविधा, किसी भी पूर्ववर्ती बीमारी के लिए प्रतीक्षा अवधि का न होना और देशभर में 17,500 से अधिक नेटवर्क अस्पतालों में कैशलेस उपचार की उपलब्धता शामिल है। इनमें से बिहार में 375 और पटना में 185 अस्पताल सम्मिलित हैं। योजना में सामान्य इलाज से लेकर ICU उपचार, आधुनिक चिकित्सा, आयुष सेवाएं तथा मातृत्व लाभ भी शामिल हैं। मातृत्व लाभ के अंतर्गत सामान्य प्रसव के लिए ₹20,000 और सिजेरियन के लिए ₹50,000 तक की विशेष कवरेज उपलब्ध है। अस्पताल में भर्ती से पूर्व और पश्चात होने वाले खर्चों को भी योजना में शामिल किया गया है। इसके अतिरिक्त SBI वेतन खाता धारकों को विशेष बैंकिंग सेवाएं और 24x7 समर्पित क्लेम सहायता टीम की सुविधा भी प्राप्त होगी, जो मात्र एक घंटे में पूर्व अनुमोदन और तीन घंटे में डिस्चार्ज क्लियरेंस सुनिश्चित करेगी।


इस अवसर पर मुख्य सचिव, बिहार ने कहा, “सामान्य प्रशासन विभाग और बिहार प्रशासनिक सुधार मिशन सोसाइटी द्वारा तकनीकी उन्नयन और समय की माँग को ध्यान में रखते हुए किए गए इन नवाचारों के माध्यम से ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में कई ऐतिहासिक उपलब्धियाँ हासिल हुई हैं।” उन्होंने इन पहलों को सुशासन की दिशा में एक मील का पत्थर बताया।


विकास आयुक्त, बिहार ने भी इस पहल की सराहना करते हुए कहा, “यह योजना संविदा कर्मियों के लिए सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक अत्यंत लाभकारी कदम है। साथ ही, तकनीक आधारित यह प्लेटफॉर्म पारदर्शिता और सुशासन को मजबूत करता है।”


इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में मुख्य सचिव, विकास आयुक्त, अपर मुख्य सचिव सह मिशन निदेशक, सचिव सह अपर मिशन निदेशक, विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव एवं सचिव, IPRD निदेशक, एसबीआई के मुख्य महाप्रबंधक, सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारी, बीपीएसएमएस, एनआईसी पटना, विभागीय पीजीआरओ, आईटी प्रबंधक एवं केपीएमजी के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।


इन सभी पहलों का उद्देश्य बिहार राज्य में सुशासन, सेवा पारदर्शिता और कर्मचारी कल्याण को एक नई दिशा देना है। डिजिटल नवाचारों के माध्यम से न केवल नागरिकों को सरकारी सेवाओं की निर्बाध पहुंच मिल सकेगी, बल्कि राज्य सरकार के संविदा कर्मियों को भी सामाजिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधा का भरोसा प्राप्त होगा। यह कार्यक्रम बिहार में प्रशासनिक सुधारों की दिशा में एक सशक्त कदम सिद्ध होगा।