Bihar Teachers Training: ACS सिद्धार्थ का सरकारी टीचरों को लेकर बड़ा आदेश! साल में 2 बार करना होगा काम वरना नौकरी से धोना पड़ सकता है हाथ, जानें क्या है पूरा माजरा
Bihar Teachers Training: बिहार के सरकारी स्कूलों में कार्यरत 6.5 लाख शिक्षकों को हर साल दो बार अनिवार्य आवासीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। एससीईआरटी और डायट की निगरानी में लागू होगी यह योजना।

Bihar Teachers Training: बिहार शिक्षा विभाग ने एक बड़ा निर्णय लेते हुए राज्य के सभी सरकारी स्कूलों में कार्यरत साढ़े छह लाख (6.5 लाख) शिक्षकों को हर साल दो बार अनिवार्य रूप से प्रशिक्षण देने का निर्णय लिया है। इस सप्ताहभर के आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम की पूरी ज़िम्मेदारी राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (SCERT) को दी गई है।
इसका उद्देश्य है शिक्षकों को नवीनतम शिक्षण विधियों से अवगत कराना।कक्षा-कक्ष में प्रभावी और समसामयिक शैक्षणिक दृष्टिकोण लागू करना।विद्यार्थियों की शिक्षा गुणवत्ता और परिणामों में सुधार लाना।
प्रशिक्षण कहां होगा और कैसे?
प्रशिक्षण केंद्र जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (DIET) में होगा।सभी जिलों में स्थित DIET संस्थानों में यह प्रशिक्षण आयोजित होगा।प्रशिक्षकों को SCERT, बिपार्ड पटना व गया, और अन्य राज्य स्तरीय प्रशिक्षण संस्थानों से चयनित किया जाएगा।
आवासीय प्रशिक्षण की व्यवस्था
प्रत्येक शिक्षक को सप्ताहभर का रेजिडेंशियल ट्रेनिंग लेना अनिवार्य होगा।प्रशिक्षण की अवधि में शिक्षक DIET या संबंधित केंद्र में ही ठहरेंगे।प्रशिक्षण के दौरान, उन्हें प्रैक्टिकल शिक्षण कार्य, समूह चर्चा, केस स्टडी और डिजिटल टूल्स पर भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
एसीएस डॉ. एस. सिद्धार्थ के निर्देश: अनिवार्यता और अनुशासन
राज्य के अपर मुख्य सचिव (शिक्षा) डॉ. एस. सिद्धार्थ ने इस योजना के क्रियान्वयन को लेकर स्पष्ट और सख्त निर्देश जारी किए हैं। प्रशिक्षण में अनुपस्थित रहने पर संबंधित शिक्षक का वेतन रोका जाएगा और अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।”
यह निर्देश क्यों अहम है?
पहले कई शिक्षक प्रशिक्षण में उपस्थित नहीं होते थे, जिससे प्रभावी शिक्षण बाधित होता था।अब प्रशिक्षण केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि कार्य मूल्यांकन का आधार भी बनेगा।प्रशिक्षण में प्रदर्शन को शिक्षक की प्रोफेशनल एप्रेज़ल से जोड़ा जाएगा।
प्रशिक्षण में क्या-क्या सिखाया जाएगा?
विषय विवरण
शिक्षण मनोविज्ञान बाल मनोविज्ञान, छात्र सहभागिता, समावेशी शिक्षा
मूल्यांकन और सुधार सीखने के परिणामों का मूल्यांकन, कमजोर छात्रों के लिए रणनीति
डिजिटल साक्षरता ऑनलाइन संसाधनों का प्रयोग, ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म्स
समूह अभ्यास और वर्कशॉप्स शिक्षकों के बीच सहयोग बढ़ाना, केस स्टडीज और प्रेजेंटेशन