Bihar Teacher Transfer: बिहार के शिक्षक लंबे समय से अपने तबादले की इंतजार कर रहे हैं। इसी बीच बड़ी खबर सामने आ रही है। शिक्षा विभाग के द्वारा शिक्षकों के ट्रांसफर के लिए स्क्रूटिनी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। पहले चरण में 3339 शिक्षकों की स्क्रूटिनी इसी महीने पूरी की जाएगी। जिसके बाद सभी जिलों के डीईओ (जिला शिक्षा अधिकारी) को सूची भेजी जाएगी।
ऐसे होगा तबादला
तबादले में प्राथमिकता के आधार पर सबसे पहले उन शिक्षकों का ट्रांसफर किया जाएगा जो कैंसर, गंभीर बीमारी या मानसिक बीमारी से पीड़ित हैं। स्क्रूटिनी के दौरान बीमारी की गंभीरता को ध्यान में रखा जा रहा है। लंबे समय से कैंसर से पीड़ित शिक्षकों का पहले ट्रांसफर किया जाएगा। उसके बाद अन्य कैंसर रोगियों का। इसके बाद गंभीर बीमारियों और मानसिक रोगों से ग्रसित शिक्षकों का तबादला किया जाएगा। अंत में पति-पत्नी के एक ही स्थान पर रहने और दूरस्थ स्कूल में कार्यरत शिक्षकों के ट्रांसफर किए जाएंगे।
कोडिंग आधारित तबादला प्रक्रिया
तबादले की प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए शिक्षकों की पहचान नाम या स्कूल के पते के बजाय कोड के आधार पर की जाएगी। मुख्यालय से प्रत्येक शिक्षक को एक विशिष्ट नंबर (कोड) आवंटित किया जाएगा। जो डीईओ कार्यालयों को भी भेजा जाएगा। डीईओ के पास सिर्फ कोड की जानकारी होगी। जबकि शिक्षकों के नाम और पते की जानकारी केवल मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों के पास सुरक्षित रहेगी।
कोड के अनुसार स्कूल आवंटन करेंगे डीईओ
प्रत्येक शिक्षक के आवेदन को एक कोड आवंटित किया जाएगा और यह कोड संबंधित डीईओ कार्यालय भेजा जाएगा। स्कूलों में रिक्त पदों के आधार पर डीईओ कोड के अनुसार स्कूलों का आवंटन करेंगे। इसके बाद आवंटित स्कूलों की सूची मुख्यालय को भेजी जाएगी, जहां संबंधित अधिकारी ट्रांसफर के कागजात पर हस्ताक्षर करेंगे। इन दस्तावेजों को ई-शिक्षाकोर्ष पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। जहां से शिक्षक प्रिंटआउट लेकर अपने संबंधित डीईओ कार्यालयों से संपर्क कर सकेंगे और उन्हें नए स्कूलों में पदस्थापित किया जाएगा।
निलंबित और बकाएदार शिक्षकों का ट्रांसफर नहीं
निलंबित और बकाएदार शिक्षकों का तबादला नहीं किया जाएगा। अगर कोई शिक्षिका मातृत्व अवकाश पर हैं तो उनका ट्रांसफर किया जाएगा। लेकिन अवकाश समाप्त होने के बाद ही उन्हें नए स्कूल में पदस्थापित किया जाएगा। अगर किसी कारण से निलंबित या बकाएदार शिक्षक का ट्रांसफर हो जाता है तो इसकी जिम्मेदारी संबंधित डीईओ की होगी। ऐसे मामलों में वर्तमान जिले के डीईओ और ट्रांसफर के बाद आवंटित जिले के डीईओ दोनों मिलकर जांच करेंगे। इसके बाद ही शिक्षकों को नए स्कूलों में पोस्टिंग दी जाएगी।
पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए विशेष सतर्कता
शिक्षा मंत्री सुनील कुमार के अनुसार, शिक्षकों के ट्रांसफर में पूरी पारदर्शिता बनाए रखने के लिए विशेष सतर्कता बरती जा रही है। इसके लिए 16 अधिकारियों की एक टीम गठित की गई है। कोडिंग प्रणाली के उपयोग से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि तबादले में किसी प्रकार की धांधली या पक्षपात न हो।