Election Commission: बिहार विधानसभा चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए ECI का बड़ा कदम! BLO के लिए शुरू किया ये काम

Election Commission: चुनाव आयोग ने मतदाता सूची की पारदर्शिता के लिए बीएलओ और अन्य अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने इसका उद्घाटन किया।

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Election Commission- फोटो : SOCIAL MEDIA

Election Commission: बिहार विधान सभा चुनाव की निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में चुनाव आयोग (Election Commission of India) लगातार मजबूत कदम उठा रहा है। विपक्षी दलों की ओर से बीते कुछ वर्षों में मतदाता सूची और चुनावी प्रक्रिया पर सवाल उठाए गए थे, लेकिन अब आयोग ने जवाब में स्थायी और संरचित प्रशिक्षण तंत्र तैयार किया है।

इसी क्रम में बुधवार को मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बीएलओ और संबंधित अधिकारियों के लिए दो दिवसीय क्षमता विकास कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में हरियाणा, दिल्ली और बिहार के 371 जमीनी स्तर के अधिकारी शामिल हुए, जिनमें से बिहार के 360 बीएलओ थे।

बीएलओ: चुनावी पारदर्शिता की रीढ़

बीएलओ (Booth Level Officer) यानी बूथ स्तर पर कार्य करने वाले अधिकारी, मतदाता सूची की शुद्धता, नए मतदाताओं के पंजीकरण और फॉर्म भरने जैसे कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने इस अवसर पर कहा कि जल्द ही बीएलओ को विशेष पहचान पत्र दिए जाएंगे, जिससे वे घर-घर जाकर मतदाता सत्यापन का कार्य और भी विश्वसनीयता के साथ कर सकें।"इसके साथ उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बीएलओ को जनप्रतिनिधित्व कानून 1950 की धारा के अंतर्गत कार्य करना होगा, जिससे मतदाता सूची में कोई त्रुटि न रहे।

प्रशिक्षण का उद्देश्य

मतदाता पंजीकरण प्रणाली की जानकारी देना हैं।फॉर्म-6, 7, 8 जैसे महत्वपूर्ण फॉर्म भरने में दक्षता लाना है। मतदाता सूची के सत्यापन में पारदर्शिता बनाए रखना है।नए बीएलओ को प्रशिक्षित बीएलओ के जरिए ट्रेनिंग देना है।ECI ने बताया कि पिछले दो महीनों में देशभर में 2600 बीएलओ और सुपरवाइज़रों को ट्रेनिंग दी गई है। यह कदम सुनिश्चित करता है कि हर बूथ पर सही और प्रशिक्षित व्यक्ति मौजूद हो जो चुनाव को निष्पक्षता से संचालित कर सके।

संवाद और सुझावों से सुधार

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से पहले चुनाव आयोग ने विभिन्न राजनीतिक दलों से संवाद कर उनके सुझाव और शिकायतों को सुना। इन सुझावों में मतदाता सूची की पारदर्शिता, फॉर्म भरने की प्रक्रिया, और BLO की जवाबदेही जैसे विषय शामिल थे। चुनाव आयोग ने कई सुझावों को अमल में लाने की दिशा में काम शुरू कर दिया है।