Bihar flight service: बिहार बनेगा अंतरराष्ट्रीय हवाई कनेक्टिविटी का नया हब, 26 साल बाद फिर काठमांडू के लिए सीधी उड़ान
बिहार अब वैश्विक उड़ानों के नक्शे पर अपनी नई पहचान बनाने जा रहा है। राज्य मंत्रिपरिषद ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए अंतरराष्ट्रीय हवाई संपर्क बढ़ाने की नई नीति को मंजूरी दे दी है।

बिहार अब वैश्विक उड़ानों के नक्शे पर अपनी नई पहचान बनाने जा रहा है। राज्य मंत्रिपरिषद ने मंगलवार को एक ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए अंतरराष्ट्रीय हवाई संपर्क बढ़ाने की नई नीति को मंजूरी दे दी है। इस पहल के तहत 26 वर्षों बाद पटना से नेपाल की राजधानी काठमांडू के लिए सीधी उड़ान सेवा फिर से शुरू होगी। सन् 1999 में बंद हुई यह सेवा अब बिहार की अंतरराष्ट्रीय उड़ान कनेक्टिविटी को नई ऊँचाई देने वाली है।
काठमांडू ही नहीं, बल्कि शारजाह, सिंगापुर, बैंकॉक और कोलंबो के लिए भी सीधी उड़ानें जल्द ही शुरू होंगी। यह कदम बिहार को उत्तर में नेपाल, दक्षिण में श्रीलंका, पूर्व में सिंगापुर और पश्चिम में खाड़ी देशों से सीधे जोड़ देगा। कैबिनेट विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने बताया कि सरकार इस नीति के जरिए बिहार को वैश्विक लॉजिस्टिक्स नेटवर्क में शामिल करने की दिशा में गंभीर पहल कर रही है।
नई नीति के तहत 150 या उससे अधिक यात्री क्षमता वाले फिक्स्ड-विंग विमानों को ही प्रोत्साहन मिलेगा। यानी छोटे जहाज़ या वाया उड़ानों को इसमें कोई वित्तीय सहायता नहीं दी जाएगी। केवल नॉन-स्टॉप अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को राज्य सरकार व्यवहार्यता अंतर निधि (VGF) उपलब्ध कराएगी। इसका उद्देश्य हवाई संपर्क को लाभकारी बनाना और विमानन कंपनियों को प्रोत्साहित करना है।
सरकार ने देश की सभी एयरलाइंस कंपनियों को पत्र भेजकर आमंत्रण दिया है। यह प्रक्रिया निविदा के ज़रिए पूरी होगी। जिन कंपनियों को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) से अनुमति प्राप्त है और जो नई अंतरराष्ट्रीय उड़ानें संचालित करने में सक्षम हैं, वही इसमें भाग ले पाएंगी।
इस ऐतिहासिक पहल से पर्यटन और उद्योग, दोनों क्षेत्रों को सीधा फायदा होगा। धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों के लिए मशहूर बिहार में विदेशों से पर्यटकों का आना आसान होगा। वहीं अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश के नए रास्ते खुलेंगे। स्थानीय स्तर पर रोजगार और व्यवसाय के अवसर भी बढ़ेंगे।
गया जी और पटना हवाई अड्डे से ही इन अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का संचालन होगा। गया एयरपोर्ट पहले से ही बौद्ध पर्यटन केंद्रों के लिए अंतरराष्ट्रीय महत्त्व रखता है, जबकि पटना हवाई अड्डा पहली बार इतनी व्यापक अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का गवाह बनने जा रहा है।
26 साल बाद आसमान से फिर जुड़ने वाली पटना-काठमांडू सीधी सेवा केवल एक हवाई मार्ग नहीं, बल्कि बिहार की नई उड़ान का प्रतीक होगी। यह फैसला प्रदेश को न केवल दक्षिण एशिया बल्कि पूरे दक्षिण-पूर्व एशियाई क्षेत्र से जोड़कर वैश्विक मंच पर उसकी मौजूदगी को और मज़बूत करेगा।