Bihar election 2025 - लगातार चार बार के विधायक का कटा टिकट, निर्दलीय मैदान में उतरे तो पार्टी ने दिखाया बाहर का रास्ता
Bihar election 2025 - चार बार लगातार विधायक चुने जाने के बाद अचानक टिकट कट गया। जो विरोध में निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया तो पार्टी से बाहर कर दिया गया।
Patna - बिहार विधानसभा चुनाव में जितनी संख्या में टिकट नहीं मिलने पर नेताओं ने बगावत की है। उतनी ही संख्या में इन नेताओं पर कार्रवाई की गई है। जिसमें अब पारू विधानसभा के निर्वतमान विधायक अशोक कुमार सिंह भी शामिल हो गए हैं। जिन्हें भाजपा नेतृत्व ने छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है। यह निर्णय पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के आदेश पर लिया गया, जिसकी आधिकारिक सूचना प्रदेश मुख्यालय से शनिवारको जारी की गई।
पार्टी के खिलाफ चुनाव में उतरे
बीजेपी बिहार प्रदेश कार्यालय, वीरचंद पटेल पथ, पटना से जारी पत्रांक 713/25 में लिखा गया है —“विधान सभा चुनाव-2025 में आप एनडीए के अधिकृत प्रत्याशी के विरुद्ध चुनाव लड़ रहे हैं। आपका यह कार्य दल विरोधी है, जिससे पार्टी की छवि धूमिल हुई है तथा पार्टी अनुशासन के विरुद्ध आपने यह कार्य किया है। अतः आपको प्रदेश अध्यक्ष के आदेशानुसार पार्टी से छह वर्षों के लिए निष्कासित किया जाता है।”
इस पत्र पर अरविंद शर्मा, प्रदेश मुख्यालय प्रभारी, भारतीय जनता पार्टी बिहार के हस्ताक्षर हैं। पत्र की प्रतिलिपि पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं और संगठन विभागों को भेजी गई है।
टिकट कटने के बाद निर्दलीय चुनाव लड़ रहे
पारू विधानसभा सीट से चार बार लगातार विधायक रहे अशोक कुमार सिंह का टिकट इस बार पार्टी ने काट दिया था। एनडीए के सीट बंटवारे में पारू सीट राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) के खाते में चली गई, जिससे बीजेपी के कई पुराने नेता असंतुष्ट हो गए। टिकट कटने से नाराज़ होकर अशोक कुमार सिंह ने पार्टी के निर्णय के विरुद्ध निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया। उनके इस कदम को पार्टी ने “अनुशासनहीनता और दल विरोधी गतिविधि” के रूप में देखा।
झुकने को तैयार नहीं
नामांकन दाखिल करने के बाद अशोक सिंह ने खुले मंच से पार्टी नेतृत्व पर भी तीखा हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि मुझसे झुकने को कहा गया, मगर मैं नहीं झुका। पार्टी ने कार्यकर्ताओं के समर्पण की अनदेखी की है। अब मैं जनता की अदालत में हूं। उनके इन बयानों को पार्टी आलाकमान ने अनुशासनहीन और संगठन विरोधी माना। नाम वापस नहीं लेने पर पार्टी ने निष्कासन की कार्रवाई को अंतिम रूप दे दिया।
पारू सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला
पारू विधानसभा सीट मुजफ्फरपुर जिले की एक अहम सीट मानी जाती है। यहां अशोक कुमार सिंह लगातार चार बार जीत दर्ज कर चुके हैं। इस बार एनडीए की ओर से रालोमो प्रत्याशी मैदान में हैं, जबकि महागठबंधन और निर्दलीय उम्मीदवारों के उतरने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है।
वोट बैंक में हो सकता है विभाजन
अशोक कुमार सिंह के निर्दलीय लड़ने से एनडीए के वोट बैंक में विभाजन की आशंका बढ़ गई है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बीजेपी का यह कदम संगठनात्मक अनुशासन बनाए रखने के लिए आवश्यक था, लेकिन इससे स्थानीय समीकरणों पर असर पड़ सकता है।