जमीन में निवेश कर रहे माफिया, काला धन खपाने का नया ठिकाना, ये जिले निशाने पर, रजिस्ट्री दफ्तर की मिलीभगत! खेल कुछ बड़ा है...

Bihar land registry: बिहार में ज़मीन की रजिस्ट्री महज़ क़ानूनी दस्तावेज़ नहीं, बल्कि काले धन की मनी लॉन्ड्रिंग का हथियार बन चुकी है। आयकर विभाग की हालिया तफ़्तीश ने इस गोरखधंधे का परदाफ़ाश कर दिया है।

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रजिस्ट्री दफ्तर की मिलीभगत से जमीन में निवेश कर रहे माफिया- फोटो : social Media

Bihar land registry: बिहार में ज़मीन की रजिस्ट्री महज़ क़ानूनी दस्तावेज़ नहीं, बल्कि काले धन की मनी लॉन्ड्रिंग का हथियार बन चुकी है। आयकर विभाग की हालिया तफ़्तीश ने इस गोरखधंधे का परदाफ़ाश कर दिया है।

पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, मधुबनी और सीतामढ़ी ज़िलों के अवर निबंधन कार्यालयों में हुई जांच ने चौंकाने वाली हक़ीक़त उजागर की। रजिस्ट्री कार्यालयों की मिलीभगत से ज़मीन सौदों में बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी की जा रही है। विभाग ने सैकड़ों संदिग्ध लेन-देन चिन्हित किए हैं, जिनमें से कई मामलों में पैन नंबर तक फ़र्ज़ी या डुप्लीकेट निकला। कुछ सौदे ऐसे भी मिले जिनमें पैन की जगह फॉर्म-60 तक दर्ज नहीं किया गया।

30 लाख से ऊपर के सौदे छुपाए गए: निबंधन कार्यालयों ने नियम के मुताबिक आयकर विभाग को एसएफटी (स्टेटमेंट ऑफ फाइनेंशियल ट्रांज़ेक्शन) की जानकारी ही नहीं दी।

फर्ज़ी दस्तावेज़ों का इस्तेमाल: कई रजिस्ट्री में अमान्य और डुप्लीकेट पैन नंबरों से काम चलाया गया।नक़द लेन-देन: जांच में सामने आया कि कई सौदों में दो लाख रुपये या उससे अधिक रकम कैश में दी गई।10-20 लाख तक के सौदे भी संदिग्ध: जिनमें पैन या फॉर्म-60 तक नहीं भरा गया।

आयकर विभाग अब इन संदिग्ध सौदों की बारीकी से पड़ताल कर रहा है। संबंधित निबंधन कार्यालयों से लेकर ज़मीन के खरीदार और बेचने वालों को नोटिस भेजा जा चुका है। विभाग का साफ़ कहना है कि दोषी पाए जाने पर सख़्त कार्रवाई की जाएगी।

यह खुलासा इसलिए भी गंभीर है क्योंकि सीमावर्ती इलाक़े पहले से ही तस्करी, हवाला और नक़ली करेंसी के अड्डे माने जाते रहे हैं। अब ज़मीन सौदों में काले धन का निवेश होना सुरक्षा एजेंसियों के लिए भी सिरदर्द बन सकता है।आयकर विभाग के एक अधिकारी के शब्दों में  “रजिस्ट्री कार्यालयों की मिलीभगत के बिना इतना बड़ा खेल संभव ही नहीं। टैक्स चोरी और ब्लैक मनी की धारा खुलेआम ज़मीन बाज़ार में बह रही है।”

बिहार के इन ज़िलों में ज़मीन का सौदा अब सिर्फ़ संपत्ति का लेन-देन नहीं, बल्कि काले धन को सफ़ेद करने का संगठित अपराध बनता जा रहा है।