Bihar News:जांच एजेंसियों के निशाने पर घूसखोर अधिकारी और कर्मचारी , मई में पकड़े गए 14 भ्रष्टाचारी, अगला किसका नंबर?
Bihar News:बिहार में अब 'ईमानदारी' की हवा कुछ ज्यादा ही तेज चल रही है! सरकारी दफ्तरों में, जहां पहले 'बिना चढ़ावा, काम नहीं बनता' का नारा बुलंद होता था, अब वहां हड़कंप मचा है।

Bihar News:बिहार में अब 'ईमानदारी' की हवा कुछ ज्यादा ही तेज चल रही है! सरकारी दफ्तरों में, जहां पहले 'बिना चढ़ावा, काम नहीं बनता' का नारा बुलंद होता था, अब वहां हड़कंप मचा है। पुलिस थाना, अस्पताल, राजस्व, प्रखंड और अंचल कार्यालय... ये वो पवित्र स्थान हैं, जहां जनता का सीधे वास्ता पड़ता है, और अब इन्हीं जगहों के 'सेवाभावी' अधिकारी और कर्मचारी जांच एजेंसियों के निशाने पर हैं। लगता है, अब 'भ्रष्टाचार' भी थोड़ा डरने लगा है!
राज्य सरकार ने विशेष निगरानी इकाई (SVU), निगरानी अन्वेषण ब्यूरो और आर्थिक अपराध इकाई (EOU) जैसी अपनी खास 'शिकारी' एजेंसियों को सख्त निर्देश दिया है कि जैसे ही 'भ्रष्टाचार' की बू आए, तुरंत कदम उठाएं! मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी हाल ही में इन इकाइयों की 'क्लास' ली थी और 'भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस' की अपनी पुरानी धुन बजाई थी। नतीजा? 'धर-पकड़' का काम अब और भी तेज हो गया है।
जनाब, इस साल सिर्फ मई के महीने में ही निगरानी अन्वेषण ब्यूरो और विशेष निगरानी इकाई ने मिलकर 14 'रिश्वतखोर' अधिकारी और कर्मचारियों को रंगेहाथ पकड़ा है। सोचिए, एक महीने में 14! ये तो जैसे 'ईमानदारी का मेला' लग गया हो!
इस 'मेले' में सबसे ज्यादा 'प्रसाद' पुलिस थानों से मिला है, जहां पांच दारोगा और एएसआई रिश्वत लेते पकड़े गए। लगता है, पुलिसकर्मी अब 'कानून के रखवाले' से ज्यादा 'रिश्वत के रखवाले' बन गए थे! इसके बाद जिला शिक्षा कार्यालय (डीईओ ऑफिस) के तीन 'ज्ञानदाता' भी घूस लेते पकड़े गए। फिर राजस्व विभाग के दो और बीडीओ कार्यालय के दो 'बाबू' भी इस 'पवित्र कार्य' में लिप्त पाए गए। अस्पताल और अंचल के भी एक-एक 'सेवादार' मई में रिश्वत लेते पकड़े गए। ये तो कुछ ऐसा है, जैसे हर विभाग में 'घूस की गंगा' बह रही थी!
निगरानी में मई तक 32 कांड दर्ज, मई में 11 मामले: 'भ्रष्टाचार' का ग्राफ चढ़ा या 'निगरानी' का?
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में भ्रष्टाचार के खिलाफ दर्ज मामलों की संख्या भी इस साल रिकॉर्ड तोड़ रही है। 2024 में जहां सिर्फ 15 केस दर्ज हुए थे, वहीं इस साल मई तक 32 कांड दर्ज किए जा चुके हैं। ये तो पिछले साल से दोगुनी से भी ज्यादा है! इन 32 कांडों में रिश्वतखोरी के 25 मामले हैं, चार आय से अधिक संपत्ति के और तीन पद के भ्रष्ट दुरुपयोग के। जनवरी में चार, फरवरी में तीन, मार्च और अप्रैल में सात-सात जबकि मई में सर्वाधिक 11 कांड दर्ज किए गए हैं। लगता है, 'निगरानी' वाले भी अब 'फुल फॉर्म' में आ गए हैं!
एक्शन में विशेष निगरानी इकाई, मई तक नौ कांड दर्ज: 'आय से अधिक संपत्ति' का 'खजाना' भी मिला!
विशेष निगरानी इकाई भी भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी 'मुहिम' में तेजी से आगे बढ़ रही है। पिछले साल 2024 में सिर्फ सात कांड दर्ज किए गए थे, वहीं इस साल पांच महीने में ही एसवीयू में नौ कांड दर्ज किए गए हैं। इनमें आय से अधिक संपत्ति के पांच और ट्रैप के चार कांड शामिल हैं। आय से अधिक संपत्ति के मामले में तो बेतिया के डीईओ रजनीकांत प्रवीण के ठिकानों से तीन करोड़ 55 लाख नकद बरामद हुए थे। वाह रे वाह! ये तो ऐसा लगता है, जैसे अधिकारी नहीं, कोई 'बैंक' चला रहे थे! वहीं मार्च में नालंदा के जिला परिवहन पदाधिकारी अनिल कुमार दास के ठिकानों से करीब दो करोड़ के सोने-चांदी एवं हीरे के आभूषण बरामद हुए हैं। लगता है, इन 'कर्मचारियों' ने सरकार की 'सेवा' कम और अपनी 'सेवा' ज्यादा की है!तो तैयार रहिए, क्योंकि 'ईमानदारी' का ये नया दौर अभी शुरू ही हुआ है। देखते हैं, कितने और कथित 'ईमानदार' बाबू पकड़े जाते हैं!