Bihar News: रंगों की भाषा, कल्पनाओं का उत्सव, लोयोला हाई स्कूल में ब्रदर रेमंड स्मृति चित्रकला प्रतियोगिता सम्पन्न
Bihar News: लोयोला हाई स्कूल, पटना के प्रांगण में शनिवार को 13वीं ब्रदर रेमंड स्मृति अंतर-विद्यालय चित्रकला प्रतियोगिता का भव्य आयोजन हुआ, जहाँ रंगों और कल्पनाओं का जीवंत संगम देखने को मिला।

Bihar News: लोयोला हाई स्कूल, पटना के प्रांगण में शनिवार को 13वीं ब्रदर रेमंड स्मृति अंतर-विद्यालय चित्रकला प्रतियोगिता का भव्य आयोजन हुआ, जहाँ रंगों और कल्पनाओं का जीवंत संगम देखने को मिला। बच्चों की कलम, कूची और कल्पना ने ऐसा कैनवास रचा, जिसमें भविष्य की दुनिया के रंग दिखाई दिए।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और स्वर्गीय ब्रदर रेमंड को पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। विद्यालय के प्राचार्य ब्रदर जॉनसन वी. जॉर्ज ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा, "चित्रकला केवल कला नहीं, आत्मा की अभिव्यक्ति है।" उनका प्रेरणादायक भाषण नन्हे कलाकारों में ऊर्जा और आत्मविश्वास भर गया।
इस वर्ष प्रतियोगिता में पटना के 21 विद्यालयों से कक्षा 3 से 10 तक के लगभग 320 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। प्रतिभागियों को उनके आयु वर्ग के अनुसार चार श्रेणियों में बाँटा गया —
श्रेणी A (कक्षा 3–4)
श्रेणी B (कक्षा 5–6)
श्रेणी C (कक्षा 7–8)
श्रेणी D (कक्षा 9–10)
बच्चों ने पर्यावरण, शांति, विज्ञान, सांस्कृतिक विविधता जैसे विषयों पर अपनी कल्पनाओं को रंगों में ढाल कर दर्शकों और निर्णायकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
निर्णायक मंडल में कला जगत के यामिनी सहाय (सहायक प्रोफेसर, पटना विमेन्स कॉलेज), सन्यासी रेड (प्रख्यात मूर्तिकार), तपन कुमार विश्वास (कलाकार, उपेन्द्र महारथी शिल्प अनुसंधान संस्थान) दिग्गज मौजूद थे —निर्णायकों ने सभी प्रतिभागियों की रचनात्मकता की भूरी-भूरी प्रशंसा की और कहा, "प्रत्येक चित्र में एक कहानी थी, एक दृष्टिकोण था — यह चयन को कठिन बना देता है, लेकिन यही कला की खूबसूरती है।"
कार्यक्रम में लोयोला म्यूजिक क्लब ने शास्त्रीय वादन, बाँसुरी और गीतों की मधुर प्रस्तुतियों से माहौल को संगीत के रंग में रंग दिया। एक सुंदर नृत्य-नाटिका ने आयोजन को सांस्कृतिक रूप से समृद्ध कर दिया।
समापन समारोह में विभिन्न श्रेणियों के विजेताओं को ट्रॉफ़ी और प्रमाणपत्र प्रदान किए गए। विद्यालय प्रशासन ने सभी प्रतिभागियों को बधाई देते हुए कहा कि ऐसी प्रतियोगिताएँ बच्चों को रचनात्मक स्वतंत्रता और आत्म-विश्वास देने में सहायक होती हैं।
यह आयोजन सिर्फ एक प्रतियोगिता नहीं, बल्कि भावनाओं, अभिव्यक्ति और सौंदर्यबोध का उत्सव बन गया — जहां हर रंग कुछ कहता था, और हर चित्र एक सपना बुनता था।