Chandan Mishra Murder Case: 20 सेकेंड और 32 गोलियां...चंदन मिश्रा को पहले पटना एम्स के बाहर मारने की थी प्लानिंग, फेल हुआ प्लान तो पारस में भूना...

Chandan Mishra Murder Case: पटना के पारस हॉस्पिटल में चंदन मिश्रा की हत्या शेरू के गुर्गों के द्वारा की गई। शूटरों ने मात्र 20 सेकेंड में गैंगस्टर पर ताबड़तोड़ 32 गोलियां बरसाई...

चंदन मिश्रा हत्याकांड
पहले एम्स में मारने की थी प्लानिंग - फोटो : social media

Chandan Mishra Murder Case: राजधानी पटना के पारस हॉस्पिटल में दिनदहाड़े गैंगस्टर चंदन मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्या के बाद चंदन को कितनी गोली लगी थी इसको लेकर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया था। वहीं इसको लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार शूटरों ने चंदन मिश्रा पर ताबड़तोड़ 32 गोलियां बरसाई थी। यहीं नहीं इसके साथ ही यह भी जानकारी सामने आई की पहले पटना एम्स के बाहर चंदन मिश्रा को मारने की प्लानिंग थी लेकिन वहां प्लान फेल होने के बाद शूटरों ने पारस अस्पताल में हत्या को अंजाम दिया। 

पहले पटना एम्स में मारने की थी प्लानिंग 

जानकारी अनुसार 13 जुलाई को ही शेरु ने चंदन को फोन किया था। दोनों के बीच गाली गलौज हुई थी वहीं 13 जुलाई को ही चंदन को पटना एम्स के बाहर मारने की भी प्लानिंग थी। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें चंदन अपने साथियों के साथ दिख रहा है। वह अपने साथियों  के साथ इलाज कराने के लिए पटना एम्स गया था। इस दौरान शेरू के गुर्गों ने चंदन की रेकी की थी। लेकिन उन्हें पटना एम्स के बाहर चंदन को मारने की प्लान को टालना पड़ा। दरअसल, पटना एम्स के बाहर ज्यादा भीड़ होने के कार शूटरों ने घटना को अंजाम नहीं दिया। वहीं जब 15 जुलाई को चंदन पारस अस्पताल में भर्ती हुआ तब उसकी हत्या की तैयारी पूरी कर ली गई थी। 17 जुलाई को शूटरों ने ऑपरेशन के बाद आराम कर रहे चंदन को वार्ड में घुसकर ताबड़तोड़ 32 गोलियां मार दीं। 

20 सकेंड में 32 गोलियां 

बता दें कि, पारस हॉस्पिटल के वार्ड नंबर 209 में चंदन भर्ती था। उसी वार्ड में अपराधियों ने उसे ताबड़तोड़ 32 गोलियां मार कर छलनी कर दिया। जिससे मौके पर ही चंदन की मौत हो गई। इस घटना को सीसीटीवी फुटेज में सामने आया जिसमें देखा गया कि तौसीफ बादसाह सहित सभी शूटर आराम से टहलते हुए अस्पताल में प्रवेश करते हैं और कमर से पिस्टल निकाल कर वार्ड नंबर 209 में घुसे और 20 सेकेंड में ताबड़तोड़ 32 गोलियां चलाई। जिसके बाद कमर में पिस्टल रखकर अपराधी असानी से मौके से फरार हो गए। 

तौसीफ सहित सभी शूटर गिरफ्तार 

वहीं कुख्यात गैंगस्टर चंदन मिश्रा की गोली मारकर हत्या के मामले में पुलिस ने 48 घंटे के भीतर बड़ी सफलता हासिल की है। एसटीएफ और पटना पुलिस की संयुक्त टीम ने इस हत्याकांड में शामिल पांच से छह अपराधियों को पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार कर लिया है। सूत्रों के अनुसार, फिलहाल सभी आरोपियों से वहीं पूछताछ की जा रही है और कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्हें पटना लाया जाएगा। पुलिस की कार्रवाई फिलहाल अधिकारिक रूप से सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन बताया जा रहा है कि अपराधियों के बंगाल में छिपे होने की सूचना मिलते ही पुलिस की विशेष टीम फ्लाइट से वहां भेजी गई थी। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी लगातार इस ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर रहे थे। अब तक पकड़े गए अपराधियों में तौसीफ उर्फ बादशाह, बलवंत, अभिषेक, मन्नु सिंह, नीलेश, सूर्यमान और नीशू जैसे नाम सामने आ चुके हैं। माना जा रहा है कि गिरफ्तारी की संख्या और बढ़ सकती है। 

4 दिन पहले शेरु चंदन की हुई बातचीत 

इसी बीच एक बड़ी जानकारी सामने आई है। बताया जा रहा है कि मर्डर से 4 दिन पहले शेरु ने चंदन को फोन किया था। सूत्रों की मानें तो चंदन को पहले से ही पता था कि शेरु उसका रेकी करवा रहा था इसलिए जब शेरु ने फोन किया तो चंदन ने गुस्से में उससे बात की। दोनों के बीच इस फोन कॉल के दौरान गाली-गौलज भी हुई। चंदन और शेरु के बीच यह फोन कॉल आखिरी फोन कॉल थी। आइए पहले जानते हैं शेरु और चंदन के बीच क्या बातचीत हुई। शेरु ने चंदन को कॉल कर रहा कि, का बाबा...प्रणाम...सब ठीक बा नू? जिसके जवाब में चंदन ने कहा कि, हां बाबू साहेब सब ठीक बा। जिसके बाद चंदन ने पूछा कि बाबू साहेब...सुननी ह कि तू हमार रेकी करावतरअ। जिसके जवाब में शेरु ने कहा कि न बाबा अइसन कवनो बात नइखे। जिसके बाद दोनों के बीच गाली-गलौज हुई।   

दोस्ती से दुश्मनी तक चंदन और शेरू की कहानी

इस हत्याकांड के पीछे शेरू सिंह का नाम उभरकर सामने आया है जो फिलहाल पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जेल में बंद है। एक समय चंदन और शेरू न सिर्फ दोस्त थे, बल्कि अपराध की दुनिया में एक साथ कदम रखा था। दोनों की मुलाकात 2007 में बाल सुधार गृह में हुई थी जब वे नाबालिग थे। वहीं से उनकी आपराधिक यात्रा शुरू हुई। बाल सुधार गृह से बाहर आने के बाद दोनों ने मिलकर बक्सर, आरा और आसपास के जिलों में कई संगीन वारदातों को अंजाम दिया। हत्या, लूट, रंगदारी जैसे मामलों में दोनों का नाम लगातार उभरता रहा। यहां तक कि एक पुलिसकर्मी की हत्या की साजिश भी दोनों ने मिलकर रची थी।