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Bihar Land Survey: बिहार सरकार ने जमीन सर्वे के मामले CO को दिया बड़ा पावर,अब इस अधिकारी का काम भी अंचलाधिकारी करेंगे

Bihar Land Survey - जमीन सर्वे को लेकर बिहार सरकार ने सीओ को बड़ा पावर सौंपा है। अब से जमाबंदी की वैधता की जांच और उसे लॉक/अनलॉक का अधिकार सीओ को सौंपा गया है। बताया जा रहा है कि यह फैसला कार्य में तेजी लाने के लिए किया गया है।

Bihar Land Survey: बिहार सरकार ने जमीन सर्वे के मामले CO को दिया बड़ा पावर,अब इस अधिकारी का काम भी अंचलाधिकारी करेंगे
लैंड सर्वे को लेकर सीओ को मिला अधिकार- फोटो : NEWS4NATION

PATNA - राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने डिजिटाइजेशन के दौरान हुई कतिपय त्रुटियों के कारण लॉक की गई जमाबंदी को अनलॉक करने के लिए नए दिशा निर्देश जारी किया है। जिसमें जमाबंदी की वैधता की जांच और उसे लॉक/अनलॉक करने की शक्ति अब अंचल अधिकारियों को दे दिया गया है। इससे पहले यह अधिकार भूमि सुधार उप समाहर्ताओं को दिया गया था। किन्तु कार्य में अपेक्षित प्रगति नहीं होने के कारण विभाग ने यह निर्णय लिया है। इस संबंध में निदेशक, चकबंदी द्वारा सभी समाहर्ताओं को पत्र लिखा गया है।

अंचल अधिकारियों को मिला यह अधिकार

     लॉक जमाबंदी में सरकारी भूमि शामिल होने पर अंचल अधिकारी द्वारा अभिलेख खोलकर उसकी जांच की जाएगी। सरकारी भूमि पाए जाने की स्थिति में संबंधित पक्ष को नोटिस निर्गत कर और उसे उचित अवसर प्रदान करते हुए उसे रद्द करने की कार्रवाई की जाएगी। जांच के क्रम में सरकारी भूमि से अलग अर्थात रैयती स्वरूप की भूमि पाए जाने की स्थिति उसे अनलॉक करने की कार्रवाई की जाएगी। 

अनलॉक नहीं करने से निर्णय लेने में हो रही थी परेशानी

      विभागीय समीक्षा में यह पाया गया कि लंबे समय से यह प्रक्रिया जारी रहने के बावजूद डिजिटाइजेशन के दौरान छूटी हुई जमाबंदी की वैधता की जांच एवं उसे लॉक/अनलॉक करने की कार्रवाई नहीं की जा रही है। विभागीय बैठकों में भूमि सुधार उप समाहर्ताओं द्वारा बताया गया कि रैयती भूमि के जमाबंदी सृजन का साक्ष्य अंचलों द्वारा उपलब्ध नहीं कराए जाने के कारण उन्हें निर्णय लेने में परेशानी हो रही है। 

पूर्व में चकबंदी निदेशक को लिखा गया था पत्र

         पूर्व में भी इस संबंध में एक पत्र चकबंदी निदेशक द्वारा सभी जिला पदाधिकारियों को लिखा गया था। पत्र में कहा गया था कि लॉक जमाबंदी की जांच के क्रम में रैयती भूमि का मामला पाया जाता है तो उसे अनलॉक करने की कार्रवाई करके उसकी सूची मौजावार पोर्टल पर प्रदर्शित किया जाए। 

जमाबंदी के विवरणों में मिली थी अशुद्धियां

         डिजिटाइजेशन के क्रम में कुछ जमाबंदियों रैयतों के नाम, खाता, खेसरा, रकवा एवं लगान से संबंधित विवरणों में अशुद्धियां रह गई थीं। साथ ही अनेक रैयतों की जमाबंदी ऑनलाइन नहीं की जा सकी थी। बाद में शिकायत मिली की अंचलों में ऐसी छूटी हुई जमाबंदियों को गलत तरीके से पंजी-2 में जमाबंदी कायम कर दिया गया और फिर उसे ऑनलाइन कर दिया गया। इस प्रकार की 9.65 हजार जमाबंदियों को छूटा हुआ बताकर ऑनलाइन कर दिया गया था। 

10 लाख जमाबंदी संदेहास्पद - मंत्री

         राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ दिलीप कुमार जायसवाल ने कहा कि करीब 10 लाख जमाबंदियों को संदेहास्पद पाया गया था। जांच में तेजी लाने के लिए इस काम को भूमि सुधार उप समाहर्ताओं से लेकर अंचल अधिकारियों को दिया गया है। साथ ही उन्हें रैयती भूमि की जांच कर उन जमाबंदियों को शीघ्र अनलॉक करने का निदेश दिया गया है ताकि आमलोगों को दाखिल-खारिज के काम में कोई असुविधा नहीं हो।

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