Caste Census: जातीय जनगणना को लेकर कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने PM मोदी पर साधा निशाना, कहा-' क्या सरकार पहलगाम के मुद्दे को भटकाना चाहती है'

केंद्र सरकार द्वारा जातीय जनगणना की घोषणा के समय पर कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने सवाल उठाए हैं। जानिए क्या यह फैसला पहलगाम हमले से ध्यान भटकाने की कोशिश है?

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caste census- फोटो : social media

Caste Census News: केंद्र सरकार ने जैसे ही जातीय जनगणना की सैद्धांतिक मंजूरी दी, वैसे ही सियासत गरमा गई। कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने इसका समर्थन तो किया, लेकिन साथ ही सरकार की मंशा पर सवाल भी खड़े किए।

उन्होंने कहा कि जब देश पहलगाम में मारे गए 26 मासूमों की शहादत का जवाब मांग रहा था, उसी समय सरकार ने जातीय जनगणना की घोषणा क्यों की?”उनका कहना है कि सरकार ने यह फैसला राजनीतिक फायदा उठाने के लिए लिया, जिससे आतंकी हमले से जन-ध्यान हटाया जा सके।

पहलगाम हमले पर कार्रवाई की बजाय जनगणना की घोषणा?

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकी हमला, जिसमें 26 पर्यटक मारे गए, पूरे देश को झकझोर गया। लोगों को उम्मीद थी कि सरकार तुरंत कड़ा संदेश देगी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पटना में भाषण और भाजपा कार्यकर्ताओं का जाति जनगणना पर जश्न सवालों के घेरे में आ गया।

कांग्रेस का तर्क

आतंकियों के खिलाफ ठोस सैन्य कार्रवाई प्राथमिकता होनी चाहिए थी।देश की संवेदनशीलता के समय राजनीतिक घोषणाएं करना अनुचित है। सरकार राजनीतिक लाभ के लिए शहीदों की भावना को नजरअंदाज कर रही है।

विपक्ष का समर्थन लेकिन टाइमिंग पर आपत्ति

कांग्रेस, सपा, और अन्य विपक्षी दल जातीय जनगणना के समर्थक रहे हैं। राहुल गांधी ने इसे संसद में भी उठाया था और कहा था कि “अगर हमारी सरकार आएगी तो यह जरूर कराएंगे।”लेकिन अब जब सरकार ने इस पर फैसला लिया, तो सवाल यह है किक्या यह निर्णय लंबे समय से बन रही दबाव की प्रतिक्रिया है? या फिर यह सुनियोजित रणनीति है जिससे पहलगाम हमले से राष्ट्रीय ध्यान हटे?

भाजपा का रुख: सामाजिक न्याय का कदम

दूसरी ओर, भाजपा नेताओं का कहना है कि जातीय जनगणना का निर्णय11 वर्षों से लंबित मांग को पूरा करने का परिणाम है। सामाजिक न्याय और समावेशी विकास की दिशा में बड़ा कदम है। इसे आतंकवाद पर कार्रवाई से जोड़ना अनुचित है।