Patna news: पटना के गंगा नदी में बह रहा गंदा पानी, नमामि गंगे प्रोजेक्ट की खुली पोल, अब बुडको ने लिया बड़ा एक्शन
Patna news: पटना में गंगा नदी में 32 नालों का गंदा पानी बह रहा है। राज्य में नमामि गंगे प्रोजेक्ट का काम अब भी अधूरा है। वहीं अब इस मामले में बुडको ने बड़ा एक्शन लिया है। पढ़िए आगे....

Patna news: बिहार में गंगा नदी में अब भी गंदा पानी गिराया जा रहा है। नमामि गंगे प्रोजक्ट प्रदेश में अधूरा है। वहीं इस परियोजना के अधूरा होने पर बुडको ने बड़ा एक्शन लिया है। इसके तहत अब नालों कको टैप कर एसटीपी तक भेजा जाएगा। इसके तहत अब ट्रीटमेंट के बाद ही पानी को गंगा नदी में छोड़ा जाएगा। बुडको ने इसको लेकर सारी प्लानिंग कर ली है।
32 नालों का गंदा पानी गंगा में जा रहा
दरअसल, गंगा को स्वच्छ बनाने के लिए शुरू की गई नमामि गंगे परियोजना का काम शहर में अब भी अधूरा है। इसका सीधा असर यह हो रहा है कि पटना के दीघा से कंगन घाट तक के हिस्से में 32 नालों का गंदा पानी सीधे गंगा में गिर रहा है। अधूरा सीवरेज नेटवर्क और मैनहोल निर्माण कार्य के कारण शहर के विभिन्न हिस्सों से निकलने वाला गंदा पानी फिलहाल बिना ट्रीटमेंट के ही नदी में पहुंच रहा है।
बुडको ने लिया बड़ा एक्शन
राज्य की बुनियादी शहरी विकास संस्था बुडको ने इस गंभीर स्थिति को देखते हुए नया प्लान तैयार किया है। अब इन 32 नालों को टैप किया जाएगा और गंदे पानी को डायवर्ट कर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) तक भेजा जाएगा। वहां ट्रीटमेंट के बाद ही पानी को गंगा में छोड़ा जाएगा। एमडी बुडको अनिमेष कुमार पराशर ने बताया कि 'गंगा को प्रदूषण से बचाने के लिए विशेष योजना पर काम शुरू कर दिया गया है। जब तक मैनहोल और पाइपलाइन नेटवर्क का निर्माण पूरा नहीं होता, तब तक अस्थायी उपाय के तहत नालों के पानी को ट्रीटमेंट प्लांट तक पहुंचाकर शुद्ध किया जाएगा।'
नालों को किया जाएगा टैप
नालों को टैप करने की नौबत दो कारणों से आई है। पहला कारण सीवरेज नेटवर्क और मैनहोल का अधूरा निर्माण है। कंकड़बाग और दीघा क्षेत्र में करीब 22 हजार से अधिक मैनहोल बनने थे, जिसमें से अब तक सिर्फ 4215 मैनहोल ही बन पाए हैं। जबकि दीघा में 303 किमी में से सिर्फ 129 किमी सीवरेज लाइन बिछाई गई है। वहीं कंकड़बाग में 150 किमी के नेटवर्क में सिर्फ 54.08 किमी ही बन सका है, जबकि 3527 मैनहोल का काम अधूरा है। दूसरा अहम कार्य STP निर्माण में देरी है। दीघा में 100 MLD क्षमता वाला राज्य का सबसे बड़ा STP और कंकड़बाग में 50 MLD क्षमता वाला STP बन रहा है। इन दोनों परियोजनाओं पर कुल 1187.86 करोड़ रुपये की लागत आनी है, लेकिन अब तक ये प्रोजेक्ट पूरे नहीं हो सके हैं।
गंगा की स्वच्छता पर मंडरा रहा खतरा
नमामि गंगे प्रोजेक्ट की धीमी रफ्तार के चलते गंगा नदी में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ रहा है। जिन इलाकों में सीवरेज कनेक्शन का काम अभी अधूरा है, वहां के घरों से निकलने वाला गंदा पानी नालों के माध्यम से सीधे गंगा में पहुंच रहा है। हालांकि बुडको की ओर से उठाए जा रहे अस्थायी कदम गंगा को कुछ हद तक प्रदूषण से बचा सकते हैं, लेकिन स्थायी समाधान तभी मुमकिन होगा जब सीवरेज नेटवर्क, मैनहोल और एसटीपी का निर्माण पूरी तरह से हो जाए। तब तक गंगा को स्वच्छ रखने की राह चुनौतीपूर्ण बनी रहेगी।