डीजीपी की बैठक का असर नहीं - यौन शोषण का मामला दर्ज होने के बाद भी पुलिस ने नहीं की कार्रवाई, न्याय न मिलने से युवती ने की आत्महत्या की कोशिश
bihar Crime - यौन शोषण की शिकार युवती ने आज जहर सेवन कर खुदकुशी करने की कोशिश की. बताया गया कि पीड़िता ने पुलिस के पास शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने से परेशान थी।

Nawada - नवादा में युवती को थाने से नहीं मिलने आए तो वह जहर खाकर खुदकुशी का प्रयास किया। युवती को गंभीर हालत में नवादा सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। वहीं युवती के इस कदम को उठाने की बड़ी वजह पुलिस को बताया जा रहा है।
मामला रोह थाना क्षेत्र का है जहां युवती के प्रेमी ने उसे इस बात का झांसा देकर लगभग एक साल से यौन शोषण करता रहा कि वह उससे शादी करेगा और जब यह बात कह कर युवती थक गई तो वह थाने में उसके खिलाफ केस दर्ज करने गई।मगर थाने में उसकी शिकायत नहीं सुनी गई।अंत में थक हार कर परिजनों ने न्यायालय का शरण लिया और न्यायालय से प्राथमिकी दर्ज हुई। जहां रोह के नीचे बाजार निवासी मिट्ठू महतो के पुत्र अमित कुमार के खिलाफ यौन शोषण का मामला दर्ज कराया गया है।
हद तो तब हो गई जब अप्रैल माह में मामला।दर्ज होने के बाद पुलिस ने अभी तक इस मामले में कोई भी कार्रवाई नहीं की इस दौरान युवक ने उसे केस उठाने की धमकी भी दी और उसका अश्लील फोटो वीडियो वायरल की करने की धमकी देता रहा। जिससे तंग आकर युवती ने अलग-अलग समय पर दो बार आत्महत्या करने का प्रयास किया और जब अंत में पुलिस के वरीय अधिकारियों ने इस मामले में संज्ञान नहीं लिया तो आज उसने जहर खाकर आत्महत्या करने का प्रयास किया।
युवती के जहर खाते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। फिलहाल युवती को बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है। मगर इस दौरान सवाल उठता है कि आखिर पुलिस पीड़ित को न्याय दिलाने में आगे क्यों नहीं आती है? क्यों इस तरह से युवती को प्रताड़ित किया जाता है और न्याय के लिए उसे भटकना पड़ता है। अब देखना होगा इस मामले में महिला थाने की पुलिस क्या कुछ कार्रवाई करती है।
गौरोल थाना में भी ऐसी घटना
ऐसी ही एक घटना वैशाली जिले के गौरोल में भी हुई है। जहां कॉलेज छात्रा का पहले अपहरण किया गया, फिर उसकी हत्या कर दी गई। लेकिन परिजनों की शिकायत के बाद भी पुलिस ने न तो केस दर्ज किया, न ही युवती को ढूढने की कोशिश की। इसी दौरान युवती की हत्या कर उसके शव को मक्के के खेत में दफन कर दिया गया। मामले में जब कोर्ट ने दखल दिया, इसके बाद केस दर्ज किया गया। इस दौरान आरोपियों की शिकायत पर मृत युवती के परिजनों के खिलाफ पुलिस ने मारपीट का मामला जरुर दर्ज किया।
सवाल यह है कि बिहार के डीजीपी क्राइम कंट्रोल को लेकर लगातार बैठकें कर रहे हैं। लेकिन इन बैठकों का फायदा होता नजर नहीं आ रहा है। लगभग हर जिले का थाना अपराधियों को संरक्षण देने में लगा हुुआ है। यहां सिर्फ पैसे पर ही बात सुनी जा रही है।
रिपोर्ट - अमन सिन्हा