Bihar News: बिहार में अब माफियाओं के रिश्तेदारों पर भी ED-CBI की नजर, भूल कर भी अपने नाम ना कराएं जमीन, नहीं तो जाएंगे भीतर

Bihar News: बिहार में माफियाओं पर नकेल कसने के लिए सख्त कार्रवाई जारी है। इसी बीच जानकारी सामने आ रही है कि अब माफियाओं के रिश्तेदारी पर भी ईडी-सीबीआई की नजर है। रिश्तेदारों की संपत्ति भी जब्त हो सकती है।

ईडी सीबीआई
माफियाओं के रिश्तेदारों पर नजर - फोटो : social media

Bihar News:  बिहार में अपराध से अर्जित संपत्तियों के खिलाफ राज्य सरकार का शिकंजा कसता जा रहा है। माफिया की संपत्ति जब्ती का अभियान अब तेज हो गया है। राज्य सरकार ने अब तक करीब 1600 ऐसे माफिया को चिन्हित किया है, जिन्होंने अपराध की कमाई से बिहार सहित अन्य राज्यों में बड़े पैमाने पर अवैध संपत्तियां खड़ी की हैं। इन संपत्तियों की पहचान और दस्तावेजीकरण की प्रक्रिया तेजी से चल रही है।

रिश्तेदारों पर भी कार्रवाई 

गृह विभाग के अनुसार, केंद्र और राज्य की विभिन्न एजेंसियों के संयुक्त प्रयास से अब तक लगभग 400 माफिया की संपत्तियों से जुड़ी जानकारी संबंधित न्यायालय को सौंप दी गई है। जांच में सामने आया है कि माफिया तत्वों ने बालू, जमीन, शराब सहित अन्य अवैध गतिविधियों से संपत्ति अर्जित की है। कार्रवाई से बचने के लिए इन संपत्तियों का निबंधन अक्सर रिश्तेदारों या अन्य लोगों के नाम पर कराया गया है।

एआई की मदद से जुटाई जा रही जानकारी

बिहार पुलिस की विभिन्न एजेंसियां राज्य सरकार के कई विभागों से समन्वय कर रिपोर्ट जुटा रही हैं। जमीन, फ्लैट और अन्य अचल संपत्तियों की रजिस्ट्री और दाखिल-खारिज से जुड़ी जानकारी राजस्व एवं भूमि सुधार तथा निबंधन विभाग से ली जा रही है। वहीं, वाहनों की खरीद से संबंधित विवरण परिवहन विभाग से प्राप्त किया जा रहा है। इस पूरी प्रक्रिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की भी मदद ली जा रही है।

नोटिस भेज कर हो रही पूछताछ 

डबल इंजन सरकार का लाभ उठाते हुए केंद्र सरकार की एजेंसियां आयकर विभाग, सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी राज्य एजेंसियों को सूचना संकलन में सहयोग कर रही हैं। संदिग्धों के आधार कार्ड, पैन कार्ड, आयकर रिटर्न, बैंक खातों और अन्य वित्तीय दस्तावेजों की गहन जांच की जा रही है। आयकर रिटर्न में संपत्तियों की जानकारी नहीं देने वालों को नोटिस जारी कर पूछताछ की जा रही है। बेनामी संपत्तियों की पहचान होने पर उनके नेटवर्क और कनेक्शन भी खंगाले जा रहे हैं। राजनीतिक व्यक्तियों के मामलों में उनके शपथ पत्रों में दिए गए विवरण को आधार बनाया जा रहा है।

संपत्तियों के मूल्यांकन के लिए विशेष टीम

जांच में सामने आई संपत्तियों के मूल्यांकन के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है। इसमें भवन निर्माण विभाग, राजस्व विभाग सहित अन्य विशेषज्ञ पदाधिकारी शामिल हैं। यह टीम एमवीआर (न्यूनतम मूल्य दर) या बाजार मूल्य के आधार पर संपत्तियों का आकलन कर रिपोर्ट तैयार करेगी, जिसे पुलिस के माध्यम से न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा। सभी अनुसंधान पदाधिकारियों को निर्धारित प्रारूप में ही रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया गया है।

राज्य के बाहर की संपत्तियों पर भी नजर

जांच में यह भी सामने आया है कि कई माफिया ने कार्रवाई से बचने के लिए बिहार के बाहर संपत्तियां बनाई हैं। ऐसी संपत्तियों के सत्यापन की जिम्मेदारी संबंधित जिले के डीएम और एसपी को सौंपी गई है। अनुसंधान से जुड़े पदाधिकारी एसडीपीओ और एसपी के माध्यम से डीएम को रिपोर्ट देंगे। जिसके आधार पर संबंधित राज्य के जिला पदाधिकारी से सत्यापन कराया जाएगा। राज्य सरकार का कहना है कि माफिया और अपराध से अर्जित संपत्तियों के खिलाफ यह अभियान लगातार जारी रहेगा और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।