Bihar News : ऊर्जा सचिव ने की वितरण कम्पनियों में राजस्व प्रबंधन प्रणाली की समीक्षा, अधिकारियों को दिए त्वरित समाधान और प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश
Bihar News : ऊर्जा सचिव ने आज वितरण कंपनियों में राजस्व प्रबंधन प्रणाली की समीक्षा की. इस मौके पर उन्होंने अधिकारीयों को शिकायतों के त्वरित समाधान और प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए.....पढ़िए आगे

PATNA : ऊर्जा सचिव पंकज कुमार पाल की अध्यक्षता में राजस्व प्रबंधन प्रणाली की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में एनबीपीडीसीएल के प्रबंध निदेशक राहुल कुमार सहित अन्य वरीय अधिकारीगण भी उपस्थित रहे। बैठक के दौरान ऊर्जा सचिव ने आरएमएस प्रणाली के सुचारू कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने हेतु विभिन्न पहलुओं पर निर्देश दिए। उन्होंने एजेंसी को प्राथमिकता के आधार पर फील्ड टीमों और उपभोक्ताओं द्वारा दर्ज की जा रही समस्याओं का त्वरित समाधान हेतु प्रणाली विकसित करने को कहा, ताकि उपभोक्ता सेवाओं में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो। इसके अतिरिक्त, समस्या समाधान की गति बढ़ाने के लिए एजेंसी को पर्याप्त मानव संसाधन बढ़ाने के निर्देश दिए गए।
उल्लेखनीय है कि राज्य में पायलट परियोजना के रूप में गया रूरल, पटना रूरल, शिवहर व बेनीपुर (दरभंगा), में लागू किया जा रहा है। सचिव ने संबंधित एजेंसी को निर्देशित किया कि सभी प्रकार की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर निराकरण किया जाए ताकि राजस्व संग्रहण प्रणाली में बिलिंग की प्रक्रिया निर्बाध बनी रहे। आईटी अवसंरचना के क्षेत्र में भी सचिव ने आरएमएस की आवश्यकताओं के अनुरूप अपग्रेड सुनिश्चित करने हेतु आईटी टीम को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एनबीपीडीसीएल और एसबीपीडीसीएल के सभी डिवीजनों में लाइव जाने से पहले पूरी तैयारी कर ली जाए ताकि वर्तमान चरण में और तेजी से कार्य किया जा सके।
ऊर्जा सचिव ने यह भी कहा कि प्रीपेड बिलिंग और एनर्जी अकाउंटिंग से संबंधित बचे हुए दो मॉड्यूल्स तय समयसीमा के भीतर बिना किसी समस्या के लागू किए जाएं, ताकि राजस्व प्रबंधन प्रणाली का क्रियान्वयन पूरी तरह से निर्बाध रूप से हो सके। राजस्व प्रबंधन प्रणाली एक आधुनिक डिजिटल प्रणाली है, जिसका उद्देश्य दोनों बिजली वितरण कंपनियों में बिलिंग, राजस्व संग्रहण, उपभोक्ता शिकायत निवारण और ऊर्जा लेखांकन को पारदर्शी, कुशल और स्वचालित बनाना है। इस प्रणाली के माध्यम से उपभोक्ताओं को समय पर सही बिल उपलब्ध कराना, भुगतान प्रक्रिया को सरल बनाना और बिजली राजस्व की निगरानी को प्रभावी बनाना संभव होगा।