NEET पेपर लीक किंगपिन का राजकिशोर गिरफ्तार, बिहार EOU ने मास्टरमाइंड संजीव मुखिया के एक लाख के ईनामी सहयोगी को दबोचा, यहां से जुड़ रहे हैं तार
NEET Paper Leak: NEET पेपर लीक मामले में बिहार पुलिस को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। इस हाई-प्रोफ़ाइल केस के मुख्य आरोपी संजीव मुखिया के बेहद करीबी और लंबे समय से फरार चल रहे राजकिशोर कुमार को पुलिस ने दबोच लिया।

NEET Paper Leak: देश को हिला देने वाले NEET पेपर लीक कांड में बिहार पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पेपर माफिया संजीव मुखिया के सबसे करीबी और भरोसेमंद सहयोगी राजकिशोर कुमार को गिरफ्तार कर लिया। लंबे समय से फरार चल रहे राजकिशोर पर 1 लाख रुपये का इनाम घोषित था। आर्थिक अपराध इकाई (EOU) के सूत्रों ने गिरफ्तारी की पुष्टि की है, जिससे इस हाई-प्रोफ़ाइल केस में नई हलचल मच गई है।
राजकिशोर, मूल रूप से अरवल ज़िले का निवासी है और संजीव मुखिया के नेटवर्क में उसका ओहदा ‘दायाँ हाथ’ जैसा था। 10 अप्रैल 2025 को बिहार पुलिस मुख्यालय ने संजीव मुखिया, नालंदा के शुभम कुमार और राजकिशोर पर 1-1 लाख रुपये का इनाम घोषित किया था।पुलिस के मुताबिक, राजकिशोर इस पूरे रैकेट में संजीव मुखिया का प्रमुख और भरोसेमंद सहयोगी था। वह न केवल पेपर लीक की साज़िश रचने में शामिल था, बल्कि अभ्यर्थियों को “मैनेज” करने का काम भी संभालता था। जांच एजेंसियों का मानना है कि उसकी गिरफ्तारी से गिरोह के कई और राज़ सामने आ सकते हैं, जो संजीव मुखिया के आपराधिक नेटवर्क की जड़ तक पहुंचने में मदद करेंगे।संजीव मुखिया की गिरफ्तारी के बाद राजकिशोर भूमिगत हो गया था। पुलिस को खुफिया इनपुट मिले थे कि वह लगातार अपनी पहचान और ठिकाना बदल रहा है, जिससे उसकी धर-पकड़ मुश्किल हो रही थी। लेकिन पुलिस ने तकनीकी सर्विलांस और मुखबिरों की मदद से उसकी हरकतों पर नज़र रखी और आखिरकार उसकी लोकेशन ट्रेस कर ली। योजनाबद्ध तरीके से की गई छापेमारी में वह पुलिस के हत्थे चढ़ गया।
राजकिशोर की गिरफ्तारी को पुलिस बड़ी सफलता मान रही है। अधिकारियों का कहना है कि यह गिरोह न सिर्फ NEET बल्कि कई भर्ती और प्रवेश परीक्षाओं में पेपर लीक करने में सक्रिय रहा है। अब उससे पूछताछ कर संजीव मुखिया के नेटवर्क के अन्य सदस्यों तक पहुंचने की कोशिश होगी।गिरोह के कारनामे किसी आपराधिक साज़िश से कम नहीं। सिपाही भर्ती परीक्षा (1 अक्टूबर 2023), शिक्षक भर्ती परीक्षा (15 मार्च 2024) और NEET-UG (1 मई 2024) – तीनों में प्रश्नपत्र लीक हो चुके हैं। EOU की जांच में सामने आया कि इन सभी में एक ही मास्टरमाइंड संजीव मुखिया –की चालें थीं। सिपाही भर्ती परीक्षा लीक के बाद तो परीक्षा रद्द करनी पड़ी, जिससे लाखों अभ्यर्थी प्रभावित हुए।
संजीव मुखिया का अपराध जगत में ‘पेपर किंग’ के नाम से कुख्यात सफर कोई नया नहीं। उसका नाम पहली बार 2010 में एक पेपर लीक केस में सामने आया, लेकिन गिरफ्तारी नहीं हो पाई। 2016 में उत्तराखंड में मेडिकल परीक्षा का पेपर लीक करते हुए पकड़ा गया, मगर सबूतों की कमी के चलते सिर्फ दो महीने में जमानत पा ली।EOU की जांच से खुलासा हुआ है कि संजीव मुखिया का गिरोह अंतरराज्यीय स्तर पर फैला है। इसके नेटवर्क में बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, राजस्थान और मध्य प्रदेश तक के दिमाग़ी अपराधी शामिल हैं। जैसे ही किसी राज्य में भर्ती या प्रवेश परीक्षा का विज्ञापन निकलता है, गिरोह सक्रिय हो जाता है और पेपर लीक की साज़िश बुनता है।
राजकिशोर की गिरफ्तारी को पुलिस बड़ी सफलता मान रही है। जांचकर्ताओं को उम्मीद है कि उसकी पूछताछ से न सिर्फ गिरोह के कई और राज़ उजागर होंगे, बल्कि संजीव मुखिया की गिरफ्तारी की दिशा में भी ठोस सुराग हाथ लगेंगे।
रिपोर्ट- कुलदीप भारद्वाज