आम उत्पादकों को उचित मूल्य नहीं मिलने पर हाईकोर्ट सख्त, भागलपुर और चंपारण में कार्रवाई का मांगा ब्यौरा, निर्यात ढांचे की खामी पर सवाल
High Court: पटना हाईकोर्ट में राज्य के आम उत्पादकों को उनके फसल का सही कीमत नहीं मिलने और विदेशों में इसके निर्यात के लिए आधारभूत संरचना उपलब्ध नहीं होने के मामलें पर सुनवाई की गयी।

High Court: पटना हाईकोर्ट में राज्य के आम उत्पादकों को उनके फसल का सही कीमत नहीं मिलने और विदेशों में इसके निर्यात के लिए आधारभूत संरचना उपलब्ध नहीं होने के मामलें पर सुनवाई की गयी। एक्टिंग चीफ जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ अधिवक्ता डा. मौर्य विजय चंद्र की जनहित याचिका पर सुनवाई की।कोर्ट ने राज्य सरकार को अगली सुनवाई में भागलपुर व वेस्ट चम्पारण जिलों में इस सम्बन्ध में की जा रही कार्रवाईयों का ब्यौरा देने का निर्देश दिया।इस मामलें पर आगे सुनवाई की जाएगी।
इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से इस सम्बन्ध में एक जवाब दायर किया गया था।इसमें आम उत्पादकों के लिए की जा रही कार्रवाईयों का ब्यौरा दिया गया।इसमें ये कहा गया था कि आम उत्पादकों के लाभ के लिए प्रशिक्षण,बेहतर व वैज्ञानिक प्रबंधन से आम के फसल को बढ़िया किस्मों के लिए तैयार करने तरीके बताये जा रहे है।
पिछली सुनवाई मे राज्य सरकार को इस सम्बन्ध में पूरा ब्यौरा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया था।साथ ही जवाब में बताया गया था आम के फसलों की पैकेजिंग, विदेशों में निर्यात व किसानों को उनके फसलों की अच्छी कीमत प्राप्त हो,इसके लिए कार्रवाई और व्यवस्था की जा रही है।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने राज्य सरकार को ये बताने को कहा था कि इस वर्ष आम उत्पादन करने वाले किसानों के प्रशिक्षण की क्या व्यवस्था की गयी।आधारभूत संरचना के विकास के लिए अब तक क्या कार्रवाई की गयी है ।
याचिकाकर्ता अधिवक्ता डा. मौर्य विजय चंद्र ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने फरवरी,2023 में जिन बिन्दुओं पर राज्य सरकार से जानकारी मांगी थी,उन पर राज्य सरकार की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गयी थी।उन्होंने कोर्ट को बताया कि राज्य में बड़े पैमाने पर आम का उत्पादन होता है।लेकिन आम उत्पादन करने वाले किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल रहा है ।राज्य सरकार की उदासीनता के कारण उन्हें काफी नुकसान हो रहा है।
उन्होंने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर।भारतीय,विशेषकर बिहार के आमों की काफी मांग होती है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि राज्य में उत्तम श्रेणी का आम का उत्पादन होता है, लेकिन उन्हें लागत भी मिलना मुश्किल होता है।
उन्होंने कोर्ट को बताया कि इन आमों को विदेशों में निर्यात के लिए आधारभूत संरचना का काफी अभाव है। आम को विभिन्न राज्यों व विदेशों में भेजने की व्यवस्था की जाये,तो आम उत्पादकों को न केवल आम का अच्छा मूल्य मिलेगा,बल्कि विदेशी मुद्रा भी अर्जित किया जा सकता है।
केंद्र और राज्य सरकार की सहायता से ही इन आम उत्पादकों के आय में वृद्धि होगी,बल्कि अच्छे श्रेणी के आम का उत्पादन होगा।सरकार की सहायता से ही आम उत्पादकों को न सिर्फ अच्छे श्रेणी का आम उत्पादन होगा,बल्कि उनकी आय में भी काफी वृद्धि होगी।इस मामलें पर आगे भी सुनवाई की जाएगी।