PATNA - पटना हाई कोर्ट ने छपरा नगर आयुक्त के प्रस्तावित भवन के निर्माण के लिए नक्शा स्वीकृत करने से इंकार करने के आदेश को रद्द कर दिया। कोर्ट ने कहा कि टोपो लैंड पर भवन बनाने के लिए दिये गये नक्शा को इस आधार पर अस्वीकृत नहीं किया जा सकता कि जमीन टोपो लैंड हैं। कोर्ट ने कहा कि नक्शा पारित करने के लिए ऐसे दस्तावेज मांगे जाने चाहिये, जिससे यह प्रदर्शित हो कि जमीन आवेदक की है।साथ ही निर्माण किये जाने के लिए नियमों और उप-नियमों के अनुसार सही है।
एक्टिंग चीफ जस्टिस आशुतोष कुमार और जस्टिस पार्थ सारथी की खंडपीठ ने छपरा नगर आयुक्त की ओर से दायर अर्जी को खारिज कर दी। कोर्ट ने एकलपीठ के फैसला में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया।
गौरतलब है कि मामले पर सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता ने राजस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव के साथ कोर्ट को बताया गया कि छपरा का पूरा शहर टोपो जमीन पर अवस्थित है।उनका कहना था कि राज्य सरकार ने प्रदेश के किसी भी नगर निगम को वैधानिक कर्तव्यों को पूरा करने से रोके जाने को लेकर ऐसा कोई निर्देश जारी नहीं किया है।
महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि टोपो लैंड को सुधारने की प्रक्रिया चल रही हैं।