GST में ऐतिहासिक सुधार! केंद्र सरकार ने घटाया टैक्स, ऐसे सीधे लाभ पहुंचा किसान और उद्योग तक, बिहार को होगा फायदा
GST reduced: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने जीएसटी प्रणाली में बड़ा सुधार किया है, जिससे देश के छोटे व्यवसाय, किसान, कारीगर और पारंपरिक उद्योग सीधे लाभान्वित होंगे।

GST reduced: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने जीएसटी प्रणाली में बड़ा सुधार किया है, जिससे देश के छोटे व्यवसाय, किसान, कारीगर और पारंपरिक उद्योग सीधे लाभान्वित होंगे। जटिल बहु-स्लैब टैक्स संरचना को समाप्त कर अब केवल 5% और 18% के दो सरल स्लैब लागू किए गए हैं। यह बदलाव न सिर्फ़ टैक्स प्रणाली को पारदर्शी बनाता है, बल्कि आम जनता और व्यवसायों को सीधे आर्थिक राहत देने वाला कदम भी है।
बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज में सोमवार को हुई बैठक में केंद्रीय शिक्षामंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने केंद्र सरकार की उपलब्धियों और योजनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने जीएसटी दरों में कमी से होने वाले फायदों और आर्थिक सुधारों पर चर्चा की। बैठक में प्रधान ने चैंबर के कौशल विकास कार्यक्रम की सराहना करते हुए इसे और अधिक मॉडर्न एवं एडवांस बनाने का सुझाव दिया और हर संभव सहयोग का आश्वासन भी दिया।
चैंबर अध्यक्ष पीके अग्रवाल ने इस अवसर पर बताया कि केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बिहार में चार नए इंडस्ट्रियल पार्क स्थापित करने की घोषणा की है। उनके अनुसार यह कदम राज्य के औद्योगिक विकास के साथ-साथ आम नागरिकों के लिए जीवनयापन को आसान बनाएगा। इन इंडस्ट्रियल पार्कों के कारण उत्पादों की कीमतों में कमी आएगी, जिससे लोगों को आर्थिक राहत मिलेगी। बैठक में व्यापारिक और औद्योगिक विकास के महत्व और सरकारी सहयोग की प्रतिबद्धता को प्रमुखता से उजागर किया गया।
वहीं जम्मू-कश्मीर के बागवानी उत्पाद जैसे अखरोट, चेरी और केसर अब कम टैक्स में बिकेंगे, जिससे स्थानीय किसानों की आमदनी बढ़ेगी। हिमाचल प्रदेश की कांगड़ा चाय, काला जीरा, कुल्लू शॉल और कांगड़ा पेंटिंग्स पर भी 5% टैक्स से राज्य के कारीगर आत्मनिर्भर बनेंगे। उत्तराखंड में तेजपत्ता, मुनस्यारी राजमा, लीची और स्थानीय हस्तशिल्प को 5% टैक्स राहत मिली है। झारखंड के जनजातीय कारीगर सोहराय–खोवर पेंटिंग, ढोकरा कला और तसर रेशम से सीधे लाभान्वित होंगे।
तमिलनाडु के टेक्सटाइल उद्योग, विरुपाक्षी हिल केला, तंजावुर पेंटिंग तथा अरुंबावुर लकड़ी की नक्काशी पर भी 5% टैक्स से प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और स्थानीय उद्योग मजबूत होंगे। छत्तीसगढ़ की बस्तर आयरन क्राफ्ट और ढोकरा कला, केरल की अलेप्पी ग्रीन इलायची, मलाबार काली मिर्च, वयनाड कॉफी, आंध्र प्रदेश के गुंटूर सन्नम मिर्च और कोंडापल्ली बोंम्मालु सहित कई उत्पादों को भी 5% स्लैब में रखा गया है।
पुडुचेरी, कर्नाटक, महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा, ओड़िशा, गोवा और बिहार के पारंपरिक उद्योग और कृषि उत्पादों को टैक्स में कमी मिली है। इससे MSME, महिला उद्यम और युवा समूह आत्मनिर्भर बनेंगे और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे।
इसके अलावा, गुजरात के कपड़ा और डायमंड उद्योग, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और उत्तराखंड के कृषि, आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर इस सुधार से मजबूत होंगे। निर्यात बढ़ेगा, स्थानीय उद्योग अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में टिकेंगे और औद्योगिक विकास को नई गति मिलेगी।
कुल मिलाकर, मोदी सरकार का यह जीएसटी सुधार केवल टैक्स संरचना को सरल नहीं बना रहा, बल्कि देश के पारंपरिक उद्योगों, कृषि, हस्तशिल्प और प्रसंस्कृत खाद्य उद्योगों के लिए आर्थिक विकास का बड़ा अवसर भी है। यह कदम प्रधानमंत्री मोदी के “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” के संकल्प को साकार करता है और देश की आर्थिक रीढ़ मजबूत करने वाला साबित होगा।
रिपोर्ट- नरोत्तम कुमार